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मायावती ने दिखाया तेवर तो चूर हो गई कांग्रेस, होगा तीन राज्यों में महागठबंधन

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: August 13, 2018 17:52 IST

 मायावती ने अपनी ओर से साफ कर दिया है कि जब तक उनकी तीनों राज्यों में गठबंधन की स्थिति नहीं बनेगी, तब तक वह किसी गठबंधन में नहीं जाएंगी।

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रायपुर, 13 अगस्तःकांग्रेस आगामी राजस्‍थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के साथ महागठबंधन के लिए तैयार हो गई है। यहां तक कि कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी की सभी शर्तों की मानने की बातें सामने आ रही थीं। उल्लेखनीय है मायावती ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कांग्रेसियों को चेताया था। उन्होंने कहा था कि जब तक कि बीएसपी को सम्मानजनक तरीके किसी गठबंधन में जगह नहीं दी जाएगी, वह ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।

इसका सीधा ताल्लुक उन दिनों राजस्‍थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से जारी किए गए बयानों से था। असल में राजस्‍थान के दिग्गज कांग्रेस नेता सचिन पायलट का मानना था कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने के लिए उन्हें किसी पार्टी से गठबंधन की जरूरत नहीं है। इसके बाद से ही मायावती ने दिल्ली में अपने राजस्‍थान व अन्य प्रदेश के सभी बड़े पदाधिकारियों की बैठक की और महागठबंधन को लेकर अपना फैसला सुनाया।

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कांग्रेस का नाम लेकर कहा था कांग्रेसी नेता जो तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर बीएसपी के गठबंधन की बात कर रहे हैं वे ना करें। क्योंकि पार्टी ने ऐसा कोई गठबंधन नहीं किया। यही नहीं उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में है।

इसके बाद मसले को लेकर कांग्रेस ने चुप्पी साधे रखी। हाल ही में जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले छत्तीसगढ़ और राजस्‍थान का दौरा किया तब तय हुआ कि कांग्रेस, बीएसपी के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए एक सामुहिक लोकतांत्रिक शक्ति बनने के लिए गठबंधन की तरफ बढ़ना जरूरी है। कांग्रेस तीनों राज्यों में बीएसपी से गठबंधन करेगी।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी कहते हैं जब से पीएल पुनिया छत्तीसवगढ़ के प्रभारी बने हैं, तब पार्टी में नया संचार हुआ है। पार्टी पूरी तरह से जीत की ओर बढ़ रही है। ऐसे में गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं उठता। क्योंकि पार्टी अकेले जीत में सक्षम है। लेकिन फिलहाल राजनैतिक सिद्धांतो के लिए, देश में लोकतंत्र, संविधान के रक्षा के लिए गठबंधन जरूरी हो गया है। इसलिए पार्टी आगामी तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करेगी।

मामले में हमने राजस्‍थान कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा से बातचीत की कोशिश की तो वह उपलब्‍ध नहीं पाईं। असल में राजस्‍थान कांग्रेस अभी भी इस गठबंधन को लेकर बहुत सहज नहीं बताया जा रहा है। लेकिन आलाकमान का दवाब है। मायावती ने अपनी ओर से साफ कर दिया है कि जब उनकी तीनों राज्यों में गठबंधन की स्थिति नहीं बनेगी। वह किसी एक या दो राज्यों में गठबंधन नहीं करेगी। असल में इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा तीसरी बड़ी पार्टी बहुजन समाज पार्टी ही है।

हालांकि अभी तक बीएसपी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी पर स्थिति स्पष्ट करते हुए शैलेष नितिन त्रिवेदी कहते हैं कांग्रेस किसी सूरत में अजीत के साथ गठबंधन नहीं करेगी। अजीत जोगी हमेशा से बीजेपी के हितैषी रहे हैं, इस बार भी वे वैसा ही करते दिखाई दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके हैं। वे कांग्रेस नेता के तौर पर छत्तीसगढ़ के सीएम भी रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार व अन्य आरोपों के चलते उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई।

अजीत जोगी आदिवासियों के बीच आते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ में उनका काफी दबदबा माना जाता है। लेकिन अब कांग्रेस राहुल गांधी की अगुवाई में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव नेतृत्व में पीएल पुनिया की सलाह पर लड़ेगी।

टॅग्स :छत्तीसगढ़ चुनावमायावतीकांग्रेस
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