पिछले दो दिनों में कांग्रेस में जारी विवाद के बीच पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि पार्टी नेतृत्व में कुछ कमी है और इसमें सबसे बड़ी कमी पार्टी के नेताओं के बीच बैठक नहीं होना है।
वहीं, कांग्रेस से निलंबित किए जा चुके संजय झा ने ताजा विवादों पर चुटकी लेते हुए तंज कसा कि ये शुरुआत का अंत है। उन्होंने ट्वीट कर ये बात कही।
संजय झा ने हाल ही में दावा किया था कि एक पत्र 10 जनपथ को भेजा गया था जिसमें पार्टी संगठन में पूरी तरह से बदलाव की मांग की गई है। कांग्रेस की ओर से इसे नकारा गया था। हालांकि, बाद रविवार को एक चिट्ठी सामने आई जिसमें 23 कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष सहित संगठन में बदलाव की मांग रखी थी। इस चिट्ठी को लेकर CWC में सोमवार को खूब हंगाने की भी खबर आई।
अनिल शास्त्री ने बताई कांग्रेस की कमी
पूरे विवाद के बीच अनिल शास्त्री ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच बैठक नहीं होती और ये सबसे बड़ी कमी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अनिल शास्त्री ने कहा, 'कुछ चीजें हैं जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी नेतृत्व में कमी है और इसमें सबसे बड़ी कमी पार्टी के नेताओं के बीच बैठक नहीं होना है।'
अनिल शास्त्री ने आगे कहा कि अगर कोई पार्टी का नेता दूसरे राज्य से आता है तो उसके लिए यहां (दिल्ली में) पार्टी के सीनियर नेताओं से मिलना आसान नहीं रहता है। अनिल शास्त्री ने साथ ही कहा, 'अगर कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता जैसे कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी इन नेताओं से मिलना शुरू कर दें तो मुझे लगता है कि 50 प्रतिशत समस्या ऐसे ही खत्म हो जाएगी।'
अनिल शास्त्री ने साथ ही राहुल गांधी या प्रियंका गांधी में से किसी एक को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व अगर गांधी परिवार के हाथ में नहीं रहेगा तो पार्टी जीवित नहीं रहेगी। अनिल शास्त्री ने कहा कि अगर सोनिया गांधी अध्यक्ष नहीं रहना चाहती है तो राहुल या प्रियंका गांधी को कमान सौंपनी चाहिए।