महाराष्ट्र में समय से पहले नहीं होंगे चुनाव, देवेंद्र फड़नवीस ने विधानसभा भंग कराने की अटकलों पर लगाया विराम
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 8, 2019 00:17 IST2019-03-08T00:17:09+5:302019-03-08T00:17:09+5:30
महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने औरंगाबाद में भरी सभा में 8 फरवरी को दावा किया था कि 28 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस विधानसभा को भंग कर लोकसभा के साथ चुनाव कराने का ऐलान करने वाले हैं।

फाइल फोटो- Devendra Fadnavis
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि राज्य में विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा को भंग नहीं किया जाएगा। इसी के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में विधानसभा भंग कराने की चर्चा पर विराम लगा दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर तक है।
अंग्रेजी वेबसाइट मुंबई मिरर के मुताबिक, देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधानसभा भंग कराने की कोई मंशा नहीं है। नागपुर के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'इस बात का भरोसा मैं आपको दिलाता हूं चाहे तो लिखित में भी दे सकता हूं।'
देवेंद्र फड़नवीस ने मीडिया में चल रही ऐसी सारी खबरों को अफवाह बताया है। उन्होंने कहा, राज्य में चुनाव अपने निर्धारित समय से होगा। जो भी इस तरह की रिपोर्ट कवर कर रहा है वो पूरी तरह गलत है। देवेंद्र फड़नवीस ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण के बयान के बाद उठी थी अटकलें
पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में भी विधानसभा भंग होने की खबरें चल रहीं हैं लेकिन अधिकारिक तौर पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे। बता दें कि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल भी अक्टूबर में ही पूरा होने वाला है।
इन अटकलों को उस वक्त और बल मिला था जब महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने औरंगाबाद में भरी सभा में 8 फरवरी दावा किया था कि 28 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री विधानसभा को भंग कर लोकसभा के साथ चुनाव कराने का ऐलान करने वाले हैं। हालांकि अशोक चव्हाण के बयान को देवेंद्र फड़नवीस ने उस वक्त भी खारिज कर दिया था।
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा था, 'कांग्रेस नेताओं को भविष्य का अनुमान लगाने की आदत हो गई है क्योंकि पार्टी में उनके पास कोई काम नहीं रह गया है।'