नई दिल्ली, 2 अप्रैल: केंद्र सरकार ने एससी/एसटी ऐक्ट ( SC/ST Act) पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाया था। जिसपर पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तमाम दलित संगठव समेत कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। खुद बीजेपी के कई नेताओं ने इस फैसले पर पूर्नविचार की सिफारिश की थी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने पटीशन दायर कर दी है। हमने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले पर दोबार पुर्नविचार करने को कहा है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार दलितों एवं आदिवासियों के अधिकारों के प्रति संकल्पबद्ध है। कुछ लोग आंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सम्मान देने का काम हम कर रहे हैं। आंबेडकर को भारत रत्न सम्मान भी बीजेपी के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार के दौर में ही मिला था।
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, 'सबसे ज्यादा दलित एमपी बीजेपी के हैं। हमने आंबेडकर जी के स्मारक को स्थापित करने का काम किया है।'
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार से संबंधित मामले में अग्रिम जमानत दी जा सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अग्रिम जमानत हर मामले में नहीं लेकिन जिस मामले में जरूरी हो वहां अग्रिम जमानत दी जा सकती है। इसके लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी से सहमती लेना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है