आगामी उप-चुनाव में बसपा कार्यकर्ता नहीं होंगे एक्टिव: पार्टी प्रमुख मायावती

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 27, 2018 08:24 AM2018-03-27T08:24:47+5:302018-03-27T10:44:26+5:30

उत्तर प्रदेश राज्य सभा की 10 सीटों के लिए 23 मार्च को हुए चुनाव में बसपा प्रत्याशी को सपा और कांग्रेस के समर्थन के बावजूद भाजपा उम्मीदवार के हाथों हार मिली थी।

BSP Cheif Mayawati said party workers won't work in coming bypolls in Uttar Pradesh | आगामी उप-चुनाव में बसपा कार्यकर्ता नहीं होंगे एक्टिव: पार्टी प्रमुख मायावती

आगामी उप-चुनाव में बसपा कार्यकर्ता नहीं होंगे एक्टिव: पार्टी प्रमुख मायावती

बहुजन समाज पार्टी (सपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कुमारी मायावती ने सोमवार (26 मार्च) को जारी एक बयान में कहा कि आगामी उप-चुनावों में बसपा कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका नहीं निभाएँगे। मायावती ने सोमवार को बसपा के जिला और ज़ोनल प्रतिनिधियों के संग बैठक के बाद मीडिया को जारी बयान में ये बातें कहीं। माना जा रहा है कि मायावती का ताजा बयान यूपी की कैराना संसदीय सीट और नूरपुर विधान सभा सीट पर होने वाले उप-चुनावों के मद्देनजर आया है।  बसपा ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर  संसदीयों सीटों के लिए हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। दोनों ही सीटों पर सपा की जीत हुई थी। ये दोनों सीटें क्रमशः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थीं। लोक सभा उपचुनाव के बाद यूपी राज्य सभा की 10 सीटों के लिए चुनाव में सपा ने बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को समर्थन दिया था लेकिन वो उच्च सदन नहीं पहुँच सके। यूपी की 10 राज्य सभा सीटों में से नौ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत मिली और एक सीट पर सपा की उम्मीदवार जया बच्चन विजयी रहीं। राज्य सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मायावती ने मीडिया से कहा था कि बसपा और सपा का गठबंधन भविष्य में लोक सभा चुनाव 2019 तक जारी रहेगा। 

राज्य सभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को मिली हार के बाद मायावती ने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को "राजनीतिक रूप से अपरिपक्व" बताते हुए कहा था कि उन्होंने विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) पर भरोसा करके राजनीतिक अपरिपक्वता दिखायी। मायावती ने कहा था कि अगर वो अखिलेश की जगह होतीं तो वो बसपा प्रत्याशी को जिताने को प्राथमिकता देतीं। मायावती ने ये साफ किया कि वो आगामी आम चुनाव में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि वो देश की भलाई के लिए ये फैसला ले रही हैं। 

राज्य सभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी को 32 वोट मिले थे, जबकि जीतने के लिए उसे 37 वोटों की जरूरत थी। यूपी विधान सभा में बीजेपी गठबंधन के पास 324 विधायक हैं। सपा के पास 47 और बसपा के पास 19 विधायक हैं। कांग्रेस के पास सात विधायक, रालोद के पास एक और निषाद पार्टी के पास एक विधायक हैं। इसके अलावा चार अन्य दलों या निर्दलीय विधायक हैं। सपा के एक विधायक और बसपा के एक विधायक जेल में होने की वजह से मतदान में हिस्सा नहीं ले पाए। सपा के एक विधायक नितिन अग्रवाल ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दे दिया। बसपा के विधायक अनिल सिंह ने भी भाजपा को वोट दिया। रालोद के बसपा को समर्थन देने का आश्वासन दिया था लेकिन उसके एक विधायक का वोट अमान्य हो गया।  सपा के बाकी सात विधायकों और कांग्रेस के सात विधायकों ने बसपा उम्मीदवार को वोट दिया फिर भी वो जीत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं हासिल कर सके। सोमवार को बसपा प्रमुख ने कहा कि वो रालोद के साथ अपने रिश्तों के बारे में दोबारा सोचेंगी। माना जा रहा है कि कैराना लोक सभा से रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी चुनाव लड़ सकते हैं। बसपा खुद उप-चुनाव नहीं लड़ती शायद इसीलिए वो कैराना उप-चुनाव में से खुद को अलग ही रखना चाहती है।

 

English summary :
Bahujan Samaj Party (BSP) chief and former Uttar Pradesh Chief Minister Mayawati said that BSP workers will not play an active role in the upcoming bypolls.


Web Title: BSP Cheif Mayawati said party workers won't work in coming bypolls in Uttar Pradesh

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे