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पूरा हुआ मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का भाजपा का मुख्य एजेंडा, कोरोना वायरस ने पैदा की नई चुनौतियां

By भाषा | Updated: May 29, 2020 20:22 IST

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष को पूरा करने जा रही है। इस दौरान विचारधारा से जुड़े भाजपा के मुख्य एजेंडे को अमल में लाने का काम किया गया, लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा हो गई है और ध्यान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की ओर आ गया है।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी जो मुख्य एजेंडे को आगे बढ़ाने की अपेक्षा के रूप में देखी जा रही थी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से जुड़े अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसे दो मुद्दे का समाधान निकालने के रूप में रेखांकित किया जा सकता है।

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में विचारधारा से जुड़े भाजपा के मुख्य एजेंडे को अमल में लाने का काम किया लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा हो गई है और ध्यान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की ओर आ गया है। भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की दूसरी सरकार शनिवार को अपनी पहली वर्षगांठ मनाने जा रही है। ऐसे में पहले साल को हिन्दुत्व विचारधारा से जुड़ी दशकों पुरानी मांग को पूरा करने के रूप में याद किया जा सकता है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी जो मुख्य एजेंडे को आगे बढ़ाने की अपेक्षा के रूप में देखी जा रही थी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से जुड़े अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसे दो मुद्दे का समाधान निकालने के रूप में रेखांकित किया जा सकता है। ये दोनों मुद्दे कई दशकों से भाजपा के घोषणापत्र में शामिल रहे हैं और पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं। 

सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने वाला विधेयक पारित कराने के साथ संसद में एक प्रस्ताव पारित करके जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया । वहीं, उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ के आदेश से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। ये दोनों विषय हिन्दुत्व के एजेंडे में शीर्ष पर थे और भाजपा की विचारधार से जुड़े थे। इन मुद्दों की पैरोकारी करने के कारण ही भाजपा को 90 के दशक में सहयोगी जुटाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। 

इसके अलावा भाजपा नीत सरकार ने मुस्लिम समुदाय में एक बार में तीन तलाक को अपराध बनाने वाला कानून बनाया। इसके अलावा विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया । गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिये 30 मई 2019 को शपथ ली थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था। भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘‘पीटीआई भाषा’’ से कहा कि मोदी 2.0 ने अपने पहले साल में अपने सभी वायदों को पूरा किया। 

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का पहला साल दृढ़ता, साहस और प्रतिबद्धता से जुड़ा हुआ है। पहला कार्यकाल कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने से जुड़ा था और इसके परिणाम भी सामने आए। ’’अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और सीएए का कदम स्वभाविक था क्योंकि भाजपा को 2019 में एक बार फिर से और बड़ा बहुमत प्राप्त हुआ था। 

सीएए के पारित होने से मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों के ऐसे गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हुआ जो धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं । इसके कारण कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने पर चर्चा नहीं की है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा। इसी दौरान, कोविड-19 देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गया और इस दौरान प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। इस महामारी का स्वास्थ्य के साथ अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव सामने आया है। कोविड-19 ने सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती पेश कर दी है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि सरकार और भाजपा ने कोविड-19 की चुनौती से काफी साहस के साथ मुकाबला किया है । उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में चुनौती को अवसर में बदलने का रास्ता महत्वपूर्ण है कोविड-19 के कारण इस बार भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को सामान्य रूप से ही मनाया जायेगा। पिछले कुछ महीने में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी संगठन और मोदी सरकार का मुख्य जोर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने पर ही केंद्रीत रहा है। 

इस वर्ष के प्रारंभ में ही जे पी नड्डा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। इससे पहले अमित शाह पार्टी अध्यक्ष थे जिन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री का दायित्व सौंपा गया। चुनावी मोर्चे पर भाजपा को झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि वह मध्यप्रदेश और कर्नाटक में सत्ता प्राप्त करने में सफल रही। कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। 

इस दौरान हालांकि भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना उससे अलग हो गई और महाराष्ट्र में शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई । केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जून से एक महीने का अभियान शुरू करेगी जिसमें देश के हर जिले में कम से कम एक वर्चुअल रैली आयोजित करना शामिल है। 

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