BJP नेता का ऐलान, केरल में भाजपा की सरकार बनते ही 60 रुपया प्रति लीटर मिलेगा पेट्रोल
By अनुराग आनंद | Published: March 4, 2021 01:30 PM2021-03-04T13:30:21+5:302021-03-04T13:35:34+5:30
केरल के भाजपा नेता कुम्मनम राजशेखरन ने कहा है कि भाजपा की सरकार बनी तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में शामिल करेंगे और सत्ता में आने पर ईंधन की कीमतें 60 रुपये प्रति लीटर तक लाया जाएगा।
नई दिल्ली: केरल के भाजपा नेता कुम्मनम राजशेखरन ने विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया है कि यदि भाजपा की सरकार बनती है तो पार्टी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में शामिल करेगी और साथ ही सत्ता में आने पर ईंधन की कीमतें 60 रुपये प्रति लीटर तक लाएगी।
इंडिया टुडे के मुताबिक, बीजेपी नेता कुम्मनम राजशेखरन ने कहा है कि केरल में सत्ता में आने पर बीजेपी जीएसटी में पेट्रोल और डीजल को शामिल करेगी। वह केरल में चुनावी सभा में जाने से पहले कोच्चि में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने एलडीएफ सरकार से यह भी सवाल किया कि वे पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है, केंद्र के साथ मिलकर इसे सुलझाया जाना चाहिए।
केरल के मंत्री थॉमस इसाक के बयान पर भाजपा नेता राजशेखरन ने किया हमला-
केरल के मंत्री थॉमस इसाक के पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी नहीं लगाए जाने की संभावना वाले बयान पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी नेता राजशेखरन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न कारकों से तेल के दर में उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन, पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में शामिल करने को लेकर फैसला लेने में सरकार के सामने क्या बाधा है।
बीजेपी नेता ने कहा है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो हम पेट्रोल व डीजल को जीएसटी ढांचे में शामिल करेंगे और हमारी सरकार के कार्यकाल में ईंधन की दर लगभग 60 रुपये प्रति लीटर होगी।
राजस्थान, मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये से अधिक हो गई है
बता दें कि पेट्रोल की कीमत राजस्थान, मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये से अधिक हो गई है। यहां भी भाजपा व कांग्रेस की सरकारें हैं। लेकिन, ईंधन की कीमत में कमी नहीं हो रही है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि की विपक्षी पार्टियों जैसे कांग्रेस ने आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार को आमलोगों की समस्या को ध्यान में रखकर कीमत कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती करनी चाहिए।