बिहार विधानसभा चुनाव 2020: इसे उखाड़ने का करो काज, लाओ गरीब-गुरबे का राज, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गढ़ा नया नारा
By एस पी सिन्हा | Published: June 1, 2020 03:21 PM2020-06-01T15:21:30+5:302020-06-01T15:34:32+5:30
लालू अपने समर्थकों से कविता के माध्यम से संवाद कायम कर रहे हैं. इस बावत आज उन्होंने नीतीश सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल पर कविता के जरिए इशारों में हमला किया. लालू यादव ने ट्वीट कर कविता के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नारा तय कर लिया है. चारा घोटाले के आरोप में अभी रांची के रिम्स में एकांत वास कर रहे लालू राजनेता के बदले नये अंदाज में दिख रहे हैं.
अर्थात अब लालू अपने समर्थकों से कविता के माध्यम से संवाद कायम कर रहे हैं. इस बावत आज उन्होंने नीतीश सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल पर कविता के जरिए इशारों में हमला किया. लालू यादव ने ट्वीट कर कविता के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
उन्होंने कोरोना काल में बिहार में आगामी चुनाव की धमक दे दी है. नीतीश कुमार के 15 सालों के राज को अमंगल राज समेत कई तरह का आरोप लगाया है. पंद्रह साल से बिहार में, छल-बल राज, दलदल राज, अनर्गल राज, वाक्छल राज, निष्फल राज, विफ़ल राज, अमंगल राज, कोलाहल राज, हलाहाल राज, अकुशल राज, बंडल राज, अड़ियल राज, मरियल राज, घायल राज, इलीगल राज, अनैतिक राज, दुशासन राज, विश्वासघाती राज, इसे उखाड़ने का करो काज, लाओ गरीब-गुरबे का राज. इस नारे के साथ अब लालू यादव बिहार में चुनावी बिगूल फूंकने का काम शूरू कर दिया है.
बिहार के प्रवासी मजदूरों के अपने प्रदेश लौटने की व्यवस्था करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया। लालू ने ट्वीट कर कहा, ''लॉकडाउन शुरू होने पर आज से 16 रोज़ पहले सरकार से ट्रेन चलाने की माँग थी लेकिन छोटे भाई (नीतीश) टोटल कन्फ़्यूज़िया गए हैं। ना वेंटिलेटर, ना बस, ना रेल, उनका बेमल जोड़तोड़ का रेलमपेल''।
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और वर्तमान में रांची के एक अस्पताल में इलाज करा रहे लालू ने अपने छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के 15 अप्रैल के उस ब्यान को साझा किया है जिसमें तेजस्वी ने कहा था, ''आदरणीय नीतीश जी, आप वरिष्ठ नेता हैं। जब उतराखंड में फँसे हज़ारों गुजरातियों को डिलक्स बस में विशेष इंतज़ाम करके अहमदाबाद ले जाया जा सकता है तो ग़रीब बिहारियों को 21 दिनों बाद भी साधारण ट्रेन से वापस क्यों नहीं लाया जा सकता?कृपया केंद्र से बात कर ग़रीबों के लिए कोई रास्ता निकालिए''।
लालू ने तेजस्वी के एक और ट्वीट को साझा किया है जिसमें कहा गया था, ''15 सालों की नीतीश-भाजपा सरकार के पास बिहार में मात्र 600 बसें है। मगर सरकार का विज्ञापन खर्च 500 करोड़ है। हमने मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार को शुरू में 2000 बसों की सहायता प्रदान की है। लेकिन अहंकारी सरकार को बस मीडिया मैनज्मेंट के दम पर ही सारी जंग जीतनी है''।
राजद प्रमुख ने कटाक्ष करते हुए कहा ''बे’बस’ नीतीश कुमार। इस बयान का मतलब बुझा रहा है ना''। लालू ने अपनी पार्टी राजद के उस ब्यान को भी साझा किया है जिसमें कहा गया है, ''कोरोना ने नीतीश सरकार के 15 साल के विकास वाले ग़ुब्बारे को फोड़ दिया है। बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, बदहाल शिक्षा-स्वास्थ्य अपराध व्यवस्था जिसे नीतीश कुमार बड़े चालाकी से शराबबंदी, दहेजबंदी, विशेष राज्य का दर्जा,चारा घोटाला आदि जैसे मुद्दों की चादर से ढंके हुए थे, सबके सामने आ गया है''।
उन्होंने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के उस ब्यान को भी साझा किया है जिसमें कहा गया है, ''सुनकर बहुत अफसोस हुआ कि नीतीश कुमार जी के पास बिहार के लोगों को उनके घर ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं। बिहार के तमाम भाई-बहन अपने परिवार से मिलने घर जाना चाहते हैं। नीतीश कुमार जी पूरा खर्च बताइए, मैं अरविंद केजरीवाल जी से अनुरोध करूँगा कि पैसे का इंतज़ाम दिल्ली सरकार करे।’’