बिहार कांग्रेस में घमासान की आहट, प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने आलाकमान से जिम्मेदारी से मुक्त करने का कहा
By एस पी सिन्हा | Published: January 5, 2021 04:48 PM2021-01-05T16:48:22+5:302021-01-05T19:28:23+5:30
बिहार के एआईसीसी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट किया, ''निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुजारिश की है कि कुछ जिम्मेदारियों का बोझ घटाया जाए और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए.''
पटनाः बिहार में नेतृत्व के संकट और हालिया चुनावों में हार के चलते आलोचनाएं झेल रही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और करीब तीन साल से बिहार के एआईसीसी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी आलाकमान से जल्द से जल्द इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है. गोहिल की ओर से यह अनुरोध ऐसे समय किया गया है जब पिछले वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को हार का मुंह देखना पड़ा.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में एक और गुजरात से राज्यसभा सदस्य गोहिल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में ट्वीट किया है. गोहिल ने ट्वीट किया, ''निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुजारिश की है कि कुछ जिम्मेदारियों का बोझ घटाया जाए और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए.'' गोहिल ने ट्वीट में अपनी पार्टी, बिहार, गुजरात और दिल्ली इकाई तथा कुछ अन्य सहयोगियों को भी टैग किया है.
स्वास्थ्य कारणों से छोड़ना चाहते हैं प्रभार: पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि पिछले नवंबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए गोहिल पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने कुछ जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है.
जदयू, भाजपा ने कांग्रेस की दशा को लेकर किया व्यंग्य: गोहिल के ट्वीट के बाद सत्तारूढ़ राजग और भाजपा ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया. विपक्षी महागठबंधन में शामिल दलों ने भी पूर्व में कांग्रेस पर निशाना साधा था. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान में कहा, ''शक्ति सिंह गोहिल द्वारा बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह कांग्रेस की बिगड़ती सेहत से पल्ला झाड़ने की कोशिश है.
गोहिल को पता है कि पार्टी का कोई भविष्य नहीं है. गुटबंदी चरम पर है, इसलिए उन्होंने बुद्धिमानी के साथ दूसरे कार्यों का हवाला देकर खुद को अलग करने की कोशिश की है.'' भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी गोहिल द्वारा ट्विटर पर इस तरह का अनुरोध करने के लिए कांग्रेस पर तंज कसा. आनंद ने कहा, ''यह इंगित करता है कि पार्टी का अस्तित्व खत्म होने वाला है. कार्यकर्ता बचे नहीं है. पार्टी की मौजूदगी महज फेसबुक और ट्विटर तक सीमित हो चुकी है.''
पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद यह घटनाक्रम हुआ है. बिहार में अक्तूबर-नवंबर में हुए चुनाव में पार्टी 243 सदस्यीय विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसे केवल 19 सीटों पर जीत मिली. महागठबंधन में शामिल राजद के शिवानंद तिवारी समेत कुछ नेताओं ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे. भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कहा था कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी गई लेकिन वह जीत नहीं पाई.
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि इस्तीफे की पेशकश करना शक्ति सिंह गोहिल की मजबूरी है
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि इस्तीफे की पेशकश करना शक्ति सिंह गोहिल की मजबूरी है. वह कोई शौक से नहीं देना चाहते हैं. विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज कराया. वहीं, शक्ति सिंह गोहिल के बयान के बाद पार्टी के भीतर अब सियासी भूचाल आ गया है. पार्टी के आलाकमान से हल्की जिम्मेदारी देने वाले बयान के बाद अब शक्ति सिंह गोयल पर कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत प्रसाद सिंह ने गंभीर आरोप लगाया है.
पूर्व विधायक भरत प्रसाद सिंह ने शक्ति सिंह गोहिल पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बिहार में कांग्रेस टूटने की कगार पर खड़ा है. आलाकमान से पार्टी को बचाने की अपील करते हुए कहा कि पैसा देकर टिकट खरीदने वाले विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता इतने गुस्से में हैं कि अगर शक्ति सिंह गोहिल आएंगे तो उनको यहां से खदेड़ कर भगा देंगे.
इसके बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक टूटने के लिए तैयार हैं. वही शक्ति सिंह गोहिल के ट्वीट पर भरत प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस के त्रिदेव में शक्ति सिंह गोहिल, अखिलेश प्रसाद सिंह और मदन मोहन झा तीनों को अविलंब पार्टी से बर्खास्त किया जाए. इसतरह से भरत प्रसाद सिंह के आरोपों के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आ गई है.