चारा घोटाला मामलाः जेल में बंद लालू यादव ने बिहारवासियों के नाम चिट्ठी लिखी, कहा-तेजस्वी पर गर्व, संभाल लिया विरासत, पढ़िए पत्र में क्या लिखा
By एस पी सिन्हा | Published: June 12, 2020 03:54 PM2020-06-12T15:54:08+5:302020-06-12T15:54:08+5:30
तेजस्वी की प्रशंसा करते हुए लिखा कि जब भी सत्ता ने निराश किया. तेजस्वी और राजद ने हमेसा मन को राहत दी. आगे लालू प्रसाद यादव तेजस्वी के लिए लिखते हैं कि इस कच्ची उम्र में भी उसने जो किया है उस पर मुझे गर्व है.
पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने जन्मदिन के अगले दिन बिहारवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने अपने जन्मदिन की बधाई को बदलाव की किरण बताते हुए लिखा, इस परिस्थिति में ये बधाइयां मुझे संघर्षों का सम्बल, आशाओं का श्रोत, अन्याय का दमन और बदलाव की किरण दिखाई देती है.
उम्र का ये भी पड़ाव है, शायद तबीयत उतना साथ नहीं दे रही, लेकिन हौसला तो अभी भी उतना ही है, अन्याय को मिटाने का जूनून रत्ती भर भी कम नहीं हुआ. उन्होंने आगे लिखा है लालू में आज भी वही ऊर्जा है जिसे लिए मैं फुलवरिया के अपने गांव से पटना चला था, ऊंच-नीच का भाव मिटाने की ऊर्जा, सामंती और तानशाही सत्ता को हटाने की ऊर्जा, गरीब-गुरबों के हक़ की आवाज़ उठाने की ऊर्जा.
मेरे बिहारवासियों ये मेरे प्रति आपका स्नेह और विश्वास ही है कि ये ऊर्जा आज भी रत्ती भर कम नहीं हुई. उन्होंने तेजस्वी की प्रशंसा करते हुए लिखा कि जब भी सत्ता ने निराश किया. तेजस्वी और राजद ने हमेसा मन को राहत दी. आगे लालू प्रसाद यादव तेजस्वी के लिए लिखते हैं कि इस कच्ची उम्र में भी उसने जो किया है उस पर मुझे गर्व है.
वहीं वो पत्र में तेजस्वी को नसीहत भी देते हैं और लिखते हैं- ''तुम्हें अपनी उर्जा के साथ-साथ लालू की ऊर्जा से भी काम करना है. तुम्हें रुकना नहीं है.'' इस अवसर पर राजद कार्यकर्ताओं के प्रति भी लालू प्रसाद यदव ने आभार जताया. वहीं सोशल मीडिया से बधाई देने वालों का भी धन्यवाद किया.
मेरे विरोधी कहते रहे है कि लालू हंसी मजाक करता है संजीदा नहीं होता
अपने पत्र में लालू ने अपने विरोधियो पर तंज कसते हुए कहा कि मेरे विरोधी कहते रहे है कि लालू हंसी मजाक करता है संजीदा नहीं होता. लेकिन मैं आपसे हर समय कहना चाहता हूं कि मैं जीवन भर अपने दिमाग से हर प्रयत्न संजीदा होकर करता रहा जो गरीब, शोषित, दलित और पिछडे़ वर्ग को हक दिलाये.
लालू लिखते हैं कि मेरी कोशिश रही कि मेरे बिहारवासी हर समय हंसते रहे मुस्कुराते रहें. मेरी एक बात सुनकर जब सामने खडे़ लाखों लोग हंस देते है तो विरोधियों के सारे आरोप मुझे बेमानी लगते है. लेकिन आज बिहारवासी जब सदमें में दुख और पीड़ा में है और अभाव में जी रहे है तो मेरा मन अथाह पीड़ा का अनुभव कर रहा है.
लेकिन मैं हालत से मजबूर हूं, साजिश की बेड़ियों में जकड़ा हुआ हूं. लेकिन सत्ता में बैठे लोग भी लाचार है और उन्हें नींद कैसे आ रही है और खाना कैसे खा रहे हैं? लालू ने बिहार से बीमारी का संकट जल्द खत्म होने की कामना की और लिखा कि मेरा बिहार जल्द से जल्द मुस्कुराए, मैं यह दुआ करता हूँ.
यादव ने आरक्षण को लेकर भाजपा पर एकबार फिर से हमला बोला
वहीं, लालू प्रसाद यादव ने आरक्षण को लेकर भाजपा पर एकबार फिर से हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘’संविधान निहित बुनियादी अधिकार ही नहीं रहेंगे तो फिर संविधान बचा ही कहां? कल को कोई भाजपाई कहेगा कि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और वंचितों का मतदान का अधिकार भी मौलिक नहीं है.
मौलिक तो सब मनुस्मृति में लिखा है वह है. तो देश कहां जाएगा? क्या इसका अंदाजा है?’’ यहां बता दें कि 2015 विधानसभा चुनाव में भी लालू प्रसाद यादव ने संघ प्रमुख मोहन का बयान दिया था कि जो आरक्षण के पक्ष और उसके खिलाफ है उनको फिर से विचार करना चाहिए. इस बयान पर लालू प्रसाद यादव ने भाजपा को घेरा था.
लालू प्रसाद यादव ने संघ प्रमुख के बयान के जरिए सियासी माहौल को पूरी तरह बदल दिया था. चुनावी रैली और सभा में बार-बार कहते थे कि अगर किसी में हिम्मत है तो वह आरक्षण खत्म करके दिखाए. इसका महागठबंधन को फायदा हुआ और भाजपा की हार हो गई थी. 2020 में भी लालू एक बार फिर आरक्षण को लेकर मुद्दा उठाया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है.