नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और बाबरी मस्जिद के गिराने को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। राम मंदिर के लिए अयोध्या में पांच अगस्त को भूमि पूजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भूमि पूजन में शामिल हो सकते हैं। इस बात पर भी असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि यह पीएम की गरिमा के खिलाफ होगा। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसीने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन में कांग्रेस पार्टी गुपचुप तरीके से राष्ट्रीय स्वंय संघ (RSS) के साथ थी।
बुधवार (29 जुलाई) को किए अपने ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, हमें उन्हें क्रेडिट (श्रेय) देना चाहिए...जो इसके असली हकदार हैं। आखिरकार राजीव गांधी ने ही तो बाबरी मस्जिद के ताले फिर से खुलवाए थे। बतौर प्रधानमंत्री पीवीएन राव (नरसिम्हा राव) ने अपनी देखरेख में इसे गिरवाया था। मस्जिद ध्वस्त करने के आंदोलन में कांग्रेस अंदर ही अंदर संघ परिवार से मिली हुई थी।'
असदुद्दीन ओवैसी ने यह ट्वीट एक रिपोर्ट को रिट्वीट करते हुए किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राम मंदिर भूमि पूजन समारोह बीजेपी और संघ (RSS) का है। जिसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस के किसी नेता को न्योता नहीं भेजा गया है।
राम मंदिर भूमि पूजन में जाने को लेकर पीएम मोदी पर भी असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को एक चैनल से बात करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का बतौर प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होना संविधान के धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नरेंद्र मोदी का धर्म हो सकता है लेकिन एक प्रधानमंत्री का कोई भी धर्म नहीं होता है। ऐसे में पीएम मोदी अपनी धर्म में आस्था को लेकर राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होते हैं तो वह संविधान के नियमों के खिलाफ होगा।
ओवैसी ने कहा, आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता ही संविधान की मूल भावना है।
असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर कहा है कि हम भूल नहीं सकते हैं कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी रही थी और उसे 1992 में अपराधी भीड़ ने ढहा दिया था।'