अनुच्छेद 370ः शाह ने कहा- 35,000 जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने कश्मीर में आतंक से लड़ते हुए जीवन गंवा दिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2019 16:08 IST2019-09-30T16:08:54+5:302019-09-30T16:08:54+5:30

शाह ने त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के 27वें स्थापना दिवस पर परेड का निरीक्षण करने के बाद यहां कहा कि सरकार द्वारा उठाए कदम जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति लेकर आएंगे और इसे विकास की ओर आगे बढ़ने में सक्षम बनाएंगे।

Article 370: Shah said - a true tribute to the 35,000 jawans who lost their lives fighting terror in Kashmir | अनुच्छेद 370ः शाह ने कहा- 35,000 जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने कश्मीर में आतंक से लड़ते हुए जीवन गंवा दिया

उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के लिए ‘‘सीआरपीएस के मंच’’ से मोदी को धन्यवाद दिया।

Highlightsशाह ने कहा, ‘‘स्थिति यह थी कि कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में हमारे जवान जान दे रहे थे। यह हालात 70 साल से थे।लेकिन इस स्थिति में सुधार करने का किसी के पास साहस नहीं था या किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन करीब 35,000 जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने राज्य में आतंकवाद से लड़ते हुए अपना जीवन गंवा दिया।

शाह ने त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के 27वें स्थापना दिवस पर परेड का निरीक्षण करने के बाद यहां कहा कि सरकार द्वारा उठाए कदम जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति लेकर आएंगे और इसे विकास की ओर आगे बढ़ने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (जम्मू-कश्मीर में) अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर 35,000 शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।’’

शाह ने कहा, ‘‘स्थिति यह थी कि कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में हमारे जवान जान दे रहे थे। यह हालात 70 साल से थे, लेकिन इस स्थिति में सुधार करने का किसी के पास साहस नहीं था या किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।’’ उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के लिए ‘‘सीआरपीएस के मंच’’ से मोदी को धन्यवाद दिया। सीआरपीएफ के जवान कश्मीर में तैनात हैं। शाह ने कहा, ‘‘मैं कश्मीर और भारत के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर विकास के मार्ग पर अग्रसर होगा।

हमारे बल कश्मीर में शांति बाधित करने की कोशिश करने वालों पर नजर रखेंगे। यह कदम स्थायी शांति लेकर आएगा।’’ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल इस वर्ष अपनी दंगा रोधी इकाई आरएएफ की 27वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर अहमदाबाद में आरएएफ की 100वीं बटालियन में वर्षगांठ परेड हुई, जिसमें शाह मुख्य अतिथि थे।

गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों और विभिन्न राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों में बहादुरी का परिचय देने वाले सीआरपीएफ जवानों को 20 वीरता पदक दिए। इनमें से कुछ जवानों को मरणोपरान्त पदक दिए गए। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का पांच अगस्त को फैसला किया था, जिसके बाद शाह पहली बार आरएएफ के कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस फैसले के बाद से कश्मीर क्षेत्र में सीआरपीएफ मुख्य रूप से तैनात बल है और इस समय इसके करीब डेढ लाख जवान वहां आतंकवाद रोधी अभियान चला रहे हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

आरएएफ का स्थापना दिवस सात अक्टूबर को है। इस दिन 1992 को इसका परिचालन आरंभ हुआ था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री की कुछ प्रतिबद्धताओं के कारण कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को करना पड़ा। इस बल की देश के विभिन्न शहरों में 15 बटालियन हैं और हर इकाई में 1000 से अधिक कर्मी हैं। 

Web Title: Article 370: Shah said - a true tribute to the 35,000 jawans who lost their lives fighting terror in Kashmir

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