आंध्र प्रदेश में बीजेपी और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के बीच गठबंधन पर फिलहाल संकट नहीं है। अमरावती में टीडीपी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि आज आंध्र प्रदेश को बजट में कुछ खास नहीं मिलने पर चर्चा की गई। हम केंद्र सरकार पर बजट बढ़ाने का दबाव बनाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से चंद्रबाबू नायडु की बातचीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है। हम शिवसेना से भी कोई संपर्क नहीं कर रहे हैं। इससे पहले गठबंधन तोड़ने के सवाल पर टीडीपी के सांसद पी रविंद्र बाबू ने कहा कि, 'सीएम जो भी फैसला लेंगे, हम उसके साथ हैं। बीजेपी के बजट से हम खुश नहीं है। आंध्र प्रदेश के लिए जो बजट आवंटन किया गया, वह सही नहीं है।'
उन्होंने यह भी बताया कि इस बैठक में राजनीतिक गठबंधन के साथ-साथ राज्य के विकास पर भी चर्चा की जा रही है। इससे पहले सीएम चंद्रबाबू ने कहा था कि चुनाव से पहले यह बीजेपी का यह आखिरी बजट था लेकिन इसके बावजूद आम जनता की तरफ इस बजट में ध्यान नहीं दिया गया। जिसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि टीडीपी हमारी पुरानी सहयोगी पार्टी है, हम बातचीत कर मामले को सुलझा लेंगे। इसके अलावा बीते दिनों मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक कार्यक्रम में कहा था कि गठबंधन उनकी मजबूरी नहीं है। इसके साथ ही नायडू ने केंद्रीय बजट पर भी नाराजगी जताई थी।
गौरतलब है कि टीडीपी 2014 से आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रही है। कई मुद्दों को लेकर टीडीपी का बीजेपी के साथ मनमुटाव है। राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर टीडीपी ने विपक्षी पार्टियों का साथ दिया था जबकि टीडीपी एनडीए में बीजेपी की सहयोगी है।
बता दें कि शनिवार को चंद्रबाबू नायडू ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी बात की थी। हालांकि शिवसेना पहले से ही बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर चुकी है और अब टीडीपी भी अलग रास्ते तलाश कर ही है।