आंध्र विवाद: लोकसभा में हंगामे के बीच टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लाने पर लगाएगी जोर

By भाषा | Published: March 19, 2018 05:38 AM2018-03-19T05:38:12+5:302018-03-19T05:38:12+5:30

वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को शनिवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है।

Andhra Pradesh controversy: TDP will impose a no-confidence motion in the Lok Sabha | आंध्र विवाद: लोकसभा में हंगामे के बीच टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लाने पर लगाएगी जोर

आंध्र विवाद: लोकसभा में हंगामे के बीच टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लाने पर लगाएगी जोर

नई दिल्ली, 19 मार्च। लोकसभा में सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर देगी लेकिन संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है। वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को शनिवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है। टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है।

पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया।

विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि सोमवार को व्यवस्था बन पाएगी। बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही। केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इंकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था।

मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी ।दोनों पार्टियां अपने अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं। अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम50 सदस्यों का समर्थन चाहिए।

सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा। लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के274 सदस्य हैं। यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है।

टीडीपी द्वारा एनडीए से नाता तोड़ने के बाद शनिवार को टीडीपी के नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और महासचिव राम माधव से मुलाकात की थी। राम माधव ने कहा था कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से ज्यादा कुछ देने को तैयार है। लेकिन एनडीए में टीडीपी वापसी करेगी या नहीं ये फैसला उन्हें खुद करना होगा। 

Web Title: Andhra Pradesh controversy: TDP will impose a no-confidence motion in the Lok Sabha

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