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कोरोना महामारी के बीच विपक्षी नेता शरद यादव ने कहा- प्रवासी मजदूरों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है

By भाषा | Updated: April 18, 2020 20:15 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड—19 से देशभर में अबतक 480 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे 14 हजार 378 लोग संक्रमित हैं।

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ठळक मुद्देदूसरे राष्ट्र की अपेक्षा देश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार कम है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार एवं इससे होने वाली मौत का आंकड़ा बहुत कम है।

नयी दिल्ली: विपक्षी नेता शरद यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रवासी श्रमिकों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें अपने पैतृक स्थल जाने के लिये यात्रा की अनुमति नहीं दी जा रही है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे छात्रों को वापस लाने की अनुमति दी गयी है । शरद ने दावा किया कि 'श्रमिकों एवं मेहनत करने वालों' में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है और दूसरे राष्ट्र की अपेक्षा देश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार कम है।

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने शुरुआत में समय बर्बाद किया लेकिन अपनी 'गलती' को स्वीकार करने के बदले यह लोगों को बता रही है कि उनकी ओर से उठाये गये कदमों के कारण ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार एवं इससे होने वाली मौत का आंकड़ा बहुत कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका एक वास्तविक कारण यह है कि सरकार ने पर्याप्त जांच नहीं की है।

शरद ने दावा किया, 'और अन्य :कारण: हमारे लोग हैं, विशेष तौर से श्रमिक बंधु, आम आदमी जो कठिन परिश्रम करते हैं और उनकी प्रतिरोधक क्षमता अधिक है ।' 'अनुसंधानकर्ताओं' का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि बेहतर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आते हैं । शरद ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के उपायों को लागू करने में भी राजनी​ति की जा रही है । पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्रों एवं श्रमिकों के साथ समान व्यवहार होना चाहिये ।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हर उस व्यक्ति की जिम्मेदारी लेनी चाहिये जो देश के विभिन्न हिस्सों में फंसा हुआ है । उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर विवाह समारोहों का भी आयोजन किया जा रहा है । उन्होंने प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा को रेखांकित किया है जिन्हें अपने घर लौटने से महाराष्ट्र एवं दिल्ली में रोक दिया गया है।

शरद ने कहा, 'यह भेदभाव की पराकाष्ठा है, जो बर्दाश्त के योग्य नहीं है.....जो सबसे अधिक व्याकुल करने वाला है वह है केंद्र सरकार का विदेशों से अपने नागरिकों को विमान में लेकर वापस आना, क्योंकि वे संपन्न परिवारों के लोग हैं।

कुछ राज्य अपने छात्रों एवं अन्य को आलीशान बसों में वापस लेकर आ रहे हैं, दूसरी तरफ वे श्रमिक हैं जो पैदल अपने घरों की ओर जाने के लिये मजबूर हैं और उन्हें अलग अलग स्थानों पर पुलिस की लाठी भी मिल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड—19 से देशभर में अबतक 480 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे 14 हजार 378 लोग संक्रमित हैं।

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