भोपाल, 19 जूनः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के झाबुआ में सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को आतंकवाद और नफरत फैलाने वाला बताया। साथ ही साथ महात्मा गांधी की हत्या को लेकर भी संघ का हाथ बता दिया। उनकी इस टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं, सभी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। नाथुराम गोडसे, जिसने महात्मा गांधी को मारा था, वह भी आरएसएस का हिस्सा थे। यह विचारधारा नफरत फैलाती है, नफरत हिंसा की ओर ले जाती है, जो आतंकवाद की ओर ले जाती है।
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि मैंने हिंदू आतंकवाद नहीं, बल्कि संघी आंतकवाद की बात कही है। दिग्विजय सिंह कहा था कि मैंने कई मामले उठाए जिसमें सजा भी हुई है, हिंदू शब्द का जिक्र वेदों और पुराणों में भी नहीं है।
उन्होंने सागर में कहा था कि लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं मुस्लिम परस्त हूं और हिंदू विरोधी हूं, मैं पूछना चाहता हूं कि एक बीजेपी नेता ऐसा बता दें जिसने नर्मदा, ओंकारेश्वर और गोवर्धन परिक्रमा की हो या एकादशी का व्रत रखा हो। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि मैंने जितनी धार्मिक यात्राएं की और हिन्दू धर्म पालन किया उतना बीजेपी के एक भी नेता ने नहीं की है। उनके इस बयान ने जमकर विवाद पैदा किया, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी।
आपको बता दें, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह इन दिनों एमपी में कांग्रेसजनों के बीच एकता यात्रा पर निकले हैं। कांग्रेस के दिग्गज इस दौरान लोगों के बीच चर्चा भी कर रहे हैं।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें