अखिलेश यादव की केसीआर के साथ बैठक टली, मायावती की तरफ से नहीं मिला कोई फरमान
By भाषा | Published: December 26, 2018 08:30 PM2018-12-26T20:30:39+5:302018-12-26T20:30:39+5:30
मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उतरप्रदेश में मुख्य क्षेत्रीय दल हैं। सपा ने कहा है कि मोर्चा में उन्हें शामिल किए बगैर गैर भाजपा गठबंधन कामयाब नहीं होगा।
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले गैर कांग्रेस, गैर भाजपा गठबंधन बनाने के प्रयास के तहत तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता के. चंद्रशेखर राव की बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ यहां प्रस्तावित बैठक मूर्त रूप नहीं ले सकी। अखिलेश यादव ने बुधवार को लखनऊ में कहा कि वह छह जनवरी के बाद हैदराबाद में राव से मुलाकात करेंगे वहीं मायावती ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को मिलने का वक्त अभी नहीं दिया है।
यादव ने कहा कि गठबंधन बनाने के राव के प्रयासों की वह प्रशंसा करते हैं लेकिन वह उनसे दिल्ली में नहीं मिल सकेंगे। इससे पहले सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के आवास पर दोनों के बीच बैठक प्रस्तावित थी। मायावती रविवार से ही दिल्ली में हैं लेकिन उन्होंने प्रस्तावित बैठक के समय की पुष्टि नहीं की है।
मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उतरप्रदेश में मुख्य क्षेत्रीय दल हैं। सपा ने कहा है कि मोर्चा में उन्हें शामिल किए बगैर गैर भाजपा गठबंधन कामयाब नहीं होगा। टीआरएस प्रमुख सोमवार की रात को दिल्ली पहुंचे और यहां बृहस्पतिवार तक रूकेंगे।
क्षेत्रीय दलों के संघीय मोर्चे की वकालत करते हुए राव ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने ‘‘परस्पर हित के मामलों’’ और ‘‘राष्ट्रीय राजनीति’’ पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वार्ता जारी रहेगी और जल्द ही हम ठोस योजना के साथ सामने आएंगे।’’ बनर्जी ने कुछ नहीं बोला।
उन्होंने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को फोन कर वैकल्पिक मोर्चे पर चर्चा की थी।