Parliament News: कांग्रेस के सात सांसद संस्पेंड, अधीर रंजन चौधरी बोले, मुझे क्यों नहीं निलंबित करते, हम झुकने वाले नहीं हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 5, 2020 16:37 IST2020-03-05T16:37:33+5:302020-03-05T16:37:33+5:30
कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि ‘‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है।’’

राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यहां तानाशाही चलती है। ये नहीं चाहते कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो। हम सब ने विरोध किया था। मैंने भी विरोध किया था,ये लोग मुझे क्यों नहीं निलंबित करते है।
कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि ‘‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है।’’
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस ‘तानाशाही वाले निर्णय’ से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे। चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज जो हुआ है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की दास्तान है। हम दो मार्च से मांग करते आ रहे हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा शुरू कराई जाए। हिंसा से देश की छवि धूमिल हो रही है, लोगों की जान जा रही है और मजहबी दरार बढ़ती जा रही है। इसलिए हम देश की खातिर चर्चा चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। हमने आज भी कहा कि हम सभी चीजों पर सहयोग करेंगे, लेकिन दिल्ली हिंसा पर चर्चा होना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष ने सुबह बुलाकर हमसे कहा कि सरकार कोरोना वायरस पर बयान देना चाहती है जिस पर हमने सहमति जताई। सरकार ने कोरोना वायरस पर बयान दिया और उसके बाद हमने फिर से दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाई।’’
Adhir Ranjan Chaudhary, Congress leader in Lok Sabha on 7 Congress MPs suspended for rest of session: Is this a dictatorship? It seems Govt doesn't want #Delhiviolence issue to be discussed in Parliament that is why this suspension. We strongly condemn this pic.twitter.com/55QgfXjd99
— ANI (@ANI) March 5, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘सदन में बदले की भावना देखने को मिली। सभापति के जरिए हमारे सात सांसदों को निलंबित कराया गया ताकि हमारी आवाज को रोका जा सके। यह सरकार ने तानाशाहीपूर्ण निर्णय लिया।’’ चौधरी ने दावा किया, ‘‘यह लोकसभा अध्यक्ष का फैसला नहीं है, बल्कि सरकार का फैसला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी हालात में डरने और झुकने वाले नहीं हैं। हम दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाते रहेंगे।’’ चौधरी ने सवाल किया कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने से सरकार क्यों डरती है?
निलंबित सदस्यों में शामिल कांग्रेस के सचेतक गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार चाहे तो हमें एक साल के लिए निलंबित करा दे, लेकिन वह दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराए और लोगों के जख्मों पर मरहम लगाए।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को बृहस्पतिवार को सदन का अनादर करने और ‘घोर कदाचार’ के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।