1 / 6Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, रविवार को है। हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की उपासना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन देवताओं के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।2 / 6भक्तों के बीच दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर के तौर पर लोकप्रिय भगवान विश्वकर्मा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही देवताओं के महल, स्वर्ग आदि का निर्माण किया।3 / 6यही नहीं उन्हें देवताओं के शस्त्र-अस्त्र का भी निर्माता कहा गया है जिसमें भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, शंकर जी का त्रिशूल, यमराज का कालदंड आदि शामिल हैं।4 / 6विश्वकर्मा पूजा 2023 तिथि विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2023, रविवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में विश्वकर्मा भगवान की पूजा भी इसी दिन की जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूजा समय दोपहर 01 बजकर 43 मिनट रहेगा और इसी समय सूर्य गोचर करेंगे।5 / 6यही कारण है कि भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा कल-कारखानों और कार्यालयों में की जाती है लेकिन उत्तर भारत में कई घरों में भी उनका पूजा का विधान बहुत प्रचलित है। 6 / 6विश्वकर्मा पूजा विधि विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठे और घर या दफ्तर में लगे मशीनों की अच्छे से सफाई करें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर लगाएं और उनकी पूजा करें। इस दिन अपने घर में रखें औजार, गाड़ी आदि की पूजा करें। दफ्तर या कल-कारखानों में भी लगे मशीनों की पूजा अवश्य करें। भगवान विश्वकर्मा को पीले या सफेद रंग के फूल चढ़ाए और उनके सामने सुगंधित धूप और दीपक जलाएं।