1 / 5इस साल का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को एक अशुभ समयावधि के रूप में देखा जाता है। यह सूर्य ग्रहण मेष और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। 2 / 5साल का पहला का सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण काल में मंगल कार्यों को नहीं किया जाता है। इस दौरान सूतक काल का विशेष ध्यान रखा जाता है। 3 / 5सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस और दक्षिण हिंद महासागर में दिखाई देगा।4 / 5सूर्य ग्रहण में ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है और इस दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है। यहां तक कि मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देखा जिसके कारण यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। 5 / 5ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इस दौरान ईश्वरीय पूजा नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध करना चाहिए। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।