फै़ज़ जन्मतिथिः पाकिस्तान के उस क्रांतिकारी शायर के चुनिंदा शेर जिसे लेखन की वजह से हुई जेल!

By आदित्य द्विवेदी | Published: February 13, 2019 01:59 PM2019-02-13T13:59:59+5:302019-02-13T13:59:59+5:30

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फैज़ अहमद फैज़ पाकिस्तान के जाने-माने शायर थे जिन्हें उनके क्रांतिकारी विचारों की वजह से जाना जाता है।

जेल के दौरान लिखी गई उनकी कविता 'ज़िन्दान-नामा' को बहुत पसंद किया गया था।

उनके द्वारा लिखी गई कुछ पंक्तियाँ अब भारत-पाकिस्तान की आम-भाषा का हिस्सा बन चुकी हैं, जैसे कि 'और भी ग़म हैं ज़माने में मुहब्बत के सिवा'।

'हम देखेंगे, लाजिम है कि हम भी देखेंगे' नज़्म काफी चर्चित है।

फैज़ का जन्म 13 फरवरी 1911 को सियालकोट पाकिस्तान में हुआ था।

फैज़ का निधन 20 नवम्बर 1984 को 74 वर्ष की उम्र में हुआ था।

फ़ैज़ ने आधुनिक उर्दू शायरी को एक नई ऊँचाई दी। साहिर, क़ैफ़ी, फ़िराक़ आदि उनके समकालीन शायर थे।