पुण्यतिथि विशेष: तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन, तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था, पढे़ं मजाज़ के 10 मशहूर शेर By संदीप दाहिमा | Published: December 05, 2019 3:17 PMOpen in App1 / 10मजाज़ 19 अक्तूबर 1911 में बाराबंकी ज़िले के रुदौली गांव में पैदा हुए थे2 / 10शायर असरारुल हक़ मजाज़ को उर्दू भाषा का कीट्स भी कहा गया3 / 10उन्होंने लखनऊ में गुज़ारा. लखनऊ, अलीगढ़ और आगरा से पढ़ाई की.4 / 105 दिसंबर, 1955 में लखनऊ में उनका देहांत हुआ.5 / 10उनकी शायरी का संग्रह आहंग के नाम से प्रकाशित हो चुका है.6 / 101935 में वो ‘ऑल इंडिया रेडियो’ में असिस्टेंट एडिटर होकर दिल्ली आ गए7 / 10मजाज़ के वालिद चौधरी सिराज उल हक वकील थे.8 / 10मजाज़ उन चंद शायरों में शामिल हैं जिन्होंने आधुनिक उर्दू शायरी को एक नया मोड़ दिया है.9 / 10मजाज़ का महज 44 साल की उम्र में ही इंतकाल हो गया, लेकिन उन्होंने जो शायरी लिखी है वो आज भी मौजूं है.10 / 10 और पढ़ें Subscribe to Notifications