श्रद्धांजलि: आज ही के दिन लातूर में भयानक भूकंप ने ली थी हजारों लोगों की जान

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 30, 2018 08:26 AM2018-09-30T08:26:49+5:302018-09-30T08:26:49+5:30

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महाराष्ट्र के लातूर के इतिहास में 30 सिंतबर का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता है। जिले के किल्लारी गांव के निवासी हर साल 30 सितंबर को काला दिन के रूप में देखा जाता है।

1993 में 30 सिंतबर को आज से 25 साल पहले इसी दिन लातूर-उस्मानाबाद क्षेत्र में विनाशकारी भूकंप आया था, इस भयंकर भूंकप में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गये थे और ना कितने हजार लोग घायल हुए थे।

लातूर में भूकंप सुबह के तीन बजकर 56 मिनट पर आया था, उस वक्‍त लोग गहरी नींद में सो रहे थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। जिसकी वजह से बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था।

लातूर का भूकंप भारत के सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक था। इस त्रासदी की सालगिरह पर पूरा गांव इस दिन बंद हो जाता है।

जिसमें मारे गए 10 हजार लोग, यह भूकंप महाराष्ट्र के दक्षिणी मराथवाड़ा क्षेत्र में आया था और इसका प्रभाव लातूर, बीड, ओस्मानाबाद और निकटवर्ती क्षेत्रों में पड़ा, जो मुम्बई से 400 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है।

इस भूकंप की वजह से 52 गांव बर्बाद हो गए थे। तकरीबन 30 हजार लोग घायल हो गए थे। आज भी इस दिन को याद कर वहां के लोग कांप जाते हैं।

लातूर के इस भूंकप का केन्द्र किल्लारी था। जहां एक बड़ा गढ़ा खोखलानुमा आकार बन गया था। जो अभी भी आज तक बना हुआ है। यह एक अंतर-प्लेट भूकंप था।

भूकंप के बारे में आई उस वक्त की खबरों के मुताबिक राहत वस्तुओं और बचाव कार्यकर्ताओं के लिए विदेशों से भी मदद आए थे। नुकसान की भरपाई के लिए लातूर के पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक द्वारा पुनर्निर्माण की पेशकश की गई थी।