इन 9 चीजों को खानें से होगा गठिया, जोड़ों का दर्द और सूजन में फायदा, तस्वीरों को देख जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 5, 2019 06:07 AM2019-05-05T06:07:00+5:302019-05-05T06:07:00+5:30

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जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है। इससे सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे और युवा भी पीड़ित हैं। इसका एक बड़ा कारण जोड़ों की चिकनाहट कम होना है। बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है। इससे आपको गठिया यानी आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, रयूमेटाइड अर्थराइटिस, बर्साइटिस, गाउट, स्ट्रेन, मोच और अन्य कई इंजरी हो सकती हैं। डॉक्टर जोड़ों में चिकनाहट कम होने के लिए खानीपेने को भी जिम्मेदार मानते हैं।

डॉक्टर के अनुसार, किसी व्यक्ति का वजन और फिजिकल एक्टिविटी का जोड़ों के स्वास्थ्य में अहम रोल है। ज्यादा वजन होने से सारा भार जोड़ों पर पड़ता है जिससे धीरे-धीरे जोड़ों कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है। इसलिए आपको जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया से बचने के लिए वजन कंट्रोल रखना चाहिए।

लो इम्पैक्ट एक्सरसाइज से भी जोड़ो में मजबूती आती है। इसलिए आपको जोड़ों को लुब्रिकेट, टिश्यू को मजबूत बनाने और दर्द को कम करने के लिए वॉकिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग और योग आदि का सहारा लेना चाहिए। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको रोजाना कुछ देर धूप लेनी चाहिए। इससे आपको विटामिन डी मिलता है, जिससे आर्थराइटिस के साथ मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी समस्याओं से भी बचने में मदद मिलती है।

लहसुन और प्याज: लहसुन और प्याज में भरपूर मात्रा में शक्तिशाली सल्फर यौगिक होता है जो सूजन और दर्द से लड़ता है। जाहिर है यह दोनों चीजें भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ सोडियम का लेवल कम करती हैं। अधिक मात्रा में सोडियम के सेवन से उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है।

बादाम: बादाम ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ई और मैंगनीज से भरपूर होते हैं। ओमेगा 3 सूजन को कम करता है। विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर को नुकसान से बचाता है। मैंगनीज ग्लूकोसामाइन को जोड़ों की मरम्मत के रूप में जल्दी और अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करता है।

सेब: सेब में भरपूर मात्रा में क्वेरसेटिन होता है, जो कार्टिलेज के एक मुख्य घटक कोलेजन का निर्माण करने में मदद करता है। सेब में त्वचा, कार्टिलेज और हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने की क्षमता होती है।

पपीता: यह फल विटामिन सी, विटामिन ए और एंजाइमों का भंडार है। विटामिन सी गठिया के विकास की संभावना को कम करता है और विटामिन ए क्षति को कम करने के लिए एक और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है।

जैतून और नारियल का तेल: जैतून का तेल एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड का भंडार है और यह सूजन और दर्द को कम करता है। नारियल तेल में ऐसे ताव होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करते हैं और ऊतकों को हाइड्रेट रखते हैं। यह शरीर को नुकसान पहुँचाने वाले वायरस, बैक्टीरिया और कवक से बचाते हैं।

केला और एवोकाडो: केले फाइबर का भंडार हैं। इसे खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। केले पोटेशियम का एक बड़ा स्रोत भी हैं। पोटेशियम को जोड़ों के स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। एवोकाडो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी से भी भरा होता है। यह पोटेशियम और ओमेगा फैटी एसिड का एक और अच्छा स्रोत है।