1 / 5गिलोय की पत्तियों और तनों से सत्व निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। यह स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। अगर आप सुबह उठ कर इसकी छोटी सी डंडी को चबाकर खाएंगे, तो आपके लिए ये संजीवनी की तरह काम करेगी।2 / 5इसमें सूजन कम करने, शुगर नियंत्रित करने, गठिया, दमा और खांसी से लड़ने की क्षमता होती है। यह उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार से लड़ने में भी सहायक है।3 / 5इसके अलावा यह चर्म रोग, कमजोरी, गले का संक्रमण, खांसी, जुकाम, बुखार, टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, पेट के कीड़े, सीने में जकड़न, जोड़ों में दर्द, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, टीबी, लीवर, किडनी, मूत्र रोग, डायबिटीज, गैस, खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोग से भी बचाने में सहायक है।4 / 5गिलोय की पत्तियों का भूख बढ़ाने वाली पाकृतिक औषधि के रूप में खूब प्रयोग होता है। इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस से राहत मिल सकती है।5 / 5जिन लोगों को पाइल्स यानि बवासीर की बीमारी है। उन्हें गिलोय के एक चम्मच चूर्ण को छाछ में मिलाकर लेना चाहिए। इससे खून आना बंद होगा। साथ ही दर्द में भी आराम मिल सकता है।