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शरीर से जुड़ी इन 8 समस्याओं के लिए रामबाण हैं ये 8 आहार

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 16, 2018 08:40 IST

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अदरक पाचन तंत्र के लिए बेहतर चीज है। ये नैचुरल एंटी-एमेटिक के जैसे काम करता है जिस वजह से उल्टी रोकने लिए सबसे बेहतर विकल्प है। आप एक चम्मच अदरक रस में नींबू के रस को मिलाकर दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं। इससे तुरंत उल्टी से राहत मिलती है। इसके अलावा आप अदरक के छोटे टुकड़े को नमक के साथ खा सकते हैं।
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दस्त को डायरिया भी कहते है जो पाचन तंत्र बिगड़ने के कारण हो सकती है। बड़े और बच्चे, दस्त और पेट में मरोड़ की समस्या से कोई भी प्रभावित हो सकता है। इससे राहत पाने के लिए तीन से चार कच्चे केलों को उबाल लें। एक बर्तन में घी गर्म करें और केलों के उसमें डालें। इसके बाद उसमें कुछ लौंग, थोड़ा धनिया, दही और सेंध नमक डालकर मिक्स कर लें। थोड़ी देर पकाने के बाद इसके सेवन करें।
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नींबू के रस में कच्ची हल्दी की जड़ें 2 घंटे के लिए भिगा कर रखें और बाद में पीसकर एक कंटेनर में रख लें। एक कप पानी में इस पेस्ट की कुछ मात्रा को पानी और शहद मिलाकर पीएं। इसके अलावा घर पर ओआरएस तैयार करें, इसके लिए चार कप पानी में छह छोटे चम्मच चीनी और आधी छोटी चम्मच नमक मिलाएं और जितना ज्यादा पी सकें।
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पेट ठीक से साफ नहीं होना, कब्ज का प्रमुख लक्षण भी है और कारण भी। इसके और भी कारण हैं जिनमें गलत खानपान, ठीक समय पर शौच न होना। पपीता में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। खाने में टेस्टी होने के साथ-साथ यह पेट के लिए भी बहुत लाभकारी है। रोजाना दिन में एक बार पके हुए पपीते का सेवन करें।
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बुखार को लोग आम बीमारी समझते हैं। आपको बता दें कि यह आम बीमारी आपके शरीर को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। तापमान में अचानक परिवर्तन होने या संक्रमण का दौर होने पर अधिकतर लोग बुखार से पीड़ित होते हैं। पान के पत्‍तों की तरह दिखने वाले गिलोय के पत्‍ते एक तरह की बेल है। गिलोय के सेवन से इम्‍यूनिटी स्‍ट्रॉग होती है और शरीर बीमारियां से बचा रहता है। आयुर्वेद में तो गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है।
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मतली को जी मिचलाने या मोशन सिकनेस कहा जाता है। इसके कई कारण होते हैं जैसे ज्यादा या दूषित खाना, बीमारी, गर्भावस्था, ज्‍यादा शराब पीने, पेट में संक्रमण आदि। आप जीरे के इस्तेमाल से इससे राहत पा सकते हैं। जीरे अपने चिकित्‍सीय गुणों के कारण जाना जाता है। जीरा से उचित पाचन होता है जो न केवल अग्नशाय में पाचक एंजाइमों का स्राव में मदद करता है।
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अक्सर लोग सिर दर्द के उपचार के लिए क्रोसिन और पेरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं। आपको बता दें कि इनके ज्यादा सेवन से आपको आगे कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आपको चमेली के फूल की चाय का सेवन करना चाहिए। यह सिर दर्द में बहुत ही फायदेमंद है।
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दिमाग में खून की पर्याप्त पूर्ती ना हो पाने की वजह से चक्कर आने लगते हैं। इससे राहत पाने के लिए सूखी लौकी की डंठल की तरफ से काट दें, ताकि अन्दर का खोखलापन दिखाई दे। अगर सूखा गूदा हो तो उसे निकाल दें। अब इसमें ऊपर तक पानी भर कर 12 घंटे तक रखें फिर हिलाकर पानी निकाल कर साफ कपड़े छान लें।
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