विटामिन-डी की कमी से होने वाली 5 बीमारियां, खाएं ये चीजें कमी होगी दूर

By संदीप दाहिमा | Published: January 30, 2022 04:37 PM2022-01-30T16:37:41+5:302022-01-30T16:40:29+5:30

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हड्डियों के कमजोर होने का खतरा बच्चों में गंभीर विटामिन डी की कमी से रिकेट्स हो सकता है, जबकि यह वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस या ऑस्टियोमलेशिया का कारण बनता है। इन स्थितियों को कमजोर, नरम हड्डियों, कंकाल की विकृति, मांसपेशियों की कमजोरी आदि द्वारा चिह्नित किया जाता है। इसकी कमी से हड्डियां अत्यधिक दुर्बल हो सकती हैं।

संक्रमण का खतरा विटामिन डी की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती है, जिससे संक्रमण के चपेट में आना आसान हो जाता है। इस पोषक तत्व की कमी वाले लोगों को वायरल अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ( कोविड-19 सहित), टीबी आदि के शिकार होने की संभावना अधिक होती है।

विटामिन डी कोशिका वृद्धि और स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है। कम विटामिन डी के स्तर को कई प्रकार के कैंसर से जोड़ा गया है, जिसमें फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, डिम्बग्रंथि, अग्नाशय और ऑसोफेगल कैंसर शामिल हैं।

ऑटोइम्यून डिजीज विटामिन डी इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाकर ऑटोइम्यून रोगों के जोखिम को कम करता है। इसके विपरीत, विटामिन डी की कमी वाले लोगों में रुमेटीइड गठिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस, ल्यूपस और सोराइसिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के विकास का खतरा अधिक होता है।

हृदय रोग गंभीर विटामिन डी की कमी उन लोगों में देखी जाती है, जिन्हें हृदय संबंधी बीमारियां हैं, विशेष रूप से मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन के साथ। शरीर में उच्च विटामिन डी स्तर का मतलब हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है।

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट में दूध, पनीर और दही, वसायुक्त मछली, अंडे और मशरूम जैसे डेयरी उत्पादों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आपको सुबह की धूप लेनी चाहिए।