नई दिल्ली, 23 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड से आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) को लॉन्च किया है। इस योजना के तहत देश भर के 11 करोड़ परिवारों का लाभ मिलने वाला है। इस योजना को दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य योजना भी कहा जा रहा है, इसके तहत लाभार्थी परिवारों को पांच लाख रुपए का सालाना स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए परिवारों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर किया गया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती यानी 25 सितंबर से यह योजना देश के सभी राज्यों के 445 जिलों में पूरी तरह लागू हो जाएगी।
उद्घघाटन के मौके पर पीएम ने कहा- 'अगर आप अमेरिका, कनाडा और मैक्सिम इन तीनों देशों की आबादी को भी जोड़ दें तो उनकी कुल संख्या इस योजना के लाभार्थियों की संख्या की करीब होगी।'
गौरतलब है कि इसके लिए इसी साल 30 अप्रैल को एक मुहिम के जरिए लोगों का मोबाइल नंबर और राशन कार्ड नंबर इकट्ठा किया गया था। इस योजना से जुड़ने के लिए अगर आपने राशन कार्ड और फोन नंबर दिया था और अगर आपको जानने है कि आपका परिवार इस योजना के लिए चुना गया है या नहीं तो इसके लिए आपको mera.pmjay.gov.in पर जाना होगा। या फिर आप हेल्पलाइन (14555) पर कॉल करके जानाकारी ले सकतें हैं।
- सबसे पहले आप ऊपर दिए गए लिंक पर लॉग इन करें। लिंक पर क्लिक करते ही आपके स्क्रीन पर वेबसाइट खुल जाएगा। फिर आप अपने चालू मोबाइल नंबर के साथ स्क्रीन पर दिख रह कैप्चा लेटर्स डाले। ये दोनों चीजें डालने के बाद जेनरेटेड ओटोपी बटन पर क्लिक करें। बटन पर क्लिक करते ही आपके दिए गए नंबर पर ओटीपी नंबर का मैसेज आएगा। ओटीपी डालकर वेरिफाई ओटीपी पर क्लिक करें। ओटीपी नंबर डालते ही एक नया पेज खुलेगा जहां आप अपने मोबाइल नंबर या अन्य जानकारी इन्फर्मेशन सर्च कर सकते हैं।
- पीएम मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना के लाभ लगभग 8 करोड़ ग्रामीण परिवार को मिलने वाला है। वहीं शहरी परिवारों की संख्या लगभग 2.4 करोड़ होगा।
- इस योजना के तहत 10 वेलनेस सेंटर की शुरूआत की गई है। वेलनेस सेंटर की संख्या झारखंड में लगभग 40 और देशभर में 2300 है। अगले 4 सालों में देशभर में डेढ़ लाख सेंटर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस योजना के तहत कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी और लीवर की बीमारी, डायबटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों का इलाज होगा है। इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में भी किया जा जाएगा।
- इस योजना के तहत देश लगभग चालीस फीसदी आबादी को मेडिकल लाभ मिल जाएगा। लाभार्थी परिवार हर साल सरकारी अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल में पांच लाख तक कैशलेस इलाज करा सकेगा।