मोदी सरकार ने इस राज्य के 7 लाख मजदूरों को पहुंचाया फायदा, बैंक खाते में भेजे गए 3 हजार रुपये
By अनुराग आनंद | Published: February 8, 2021 01:39 PM2021-02-08T13:39:36+5:302021-02-08T13:56:33+5:30
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चाह बगीचा धन पुरस्कार योजना के तहत करीब 7.47 लाख लोगों को फायदा पहुंचाया है।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देश पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (6 फरवरी) को असम के करीब 7.47 लाख चाय बागान मजदूरों के खाते में 3,000 रुपये के वितरण करने की बात कही है। इस योजना के लिए सरकार ने कुल 224 करोड़ रुपये आवंटन करने का फैसला किया है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, असम के कुल 7,46,667 चाय बागान श्रमिकों के खाते में भारत सरकार ने वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। संसद में बजट पेश करने के दौरान भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चाय बगान मजदूरों के खाते में पैसा भेजने के बारे में जानकारी दी थी।
इसके साथ ही बता दें कि राज्य के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार 10 दिनों में राज्य में चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि करेगी। सरमा ने कहा कि अगली कैबिनेट बैठक में चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
चाय बगान मजदूरों के लिए 2017-18 में शुरू हुई थी योजना-
असम सरकार ने 2017-18 में असम चाह बगीचा धन पुरस्कार योजना शुरू की थी और पहले चरण में 6,33,411 बैंक खातों में 2,500 रुपये प्रदान किए गए थे जबकि 2,500 रुपये की अतिरिक्त राशि 2018-19 में दूसरे किश्त में 7,15,979 बैंक खातों में जमा की गई थी। इस बजट में अपने भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया था कि केंद्र और राज्य सरकार असम की चाय जनजाति के लोगों को विकास प्रदान करने के लिए सब कुछ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सर्बानंद सोनोवाल और हिमंत बिस्वा शर्मा ने फैसला लिया-
बता दें कि इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य के वित्त मंत्री डॉक्टर हिमंत बिस्वा सरमा ने भी एक मीटिंग की है। कार्यक्रम में असम सरकार ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य के चाय बागान श्रमिकों के वित्तीय समावेश को सुनिश्चित करने के लिए एक कदम है। योजना के तीसरे चरण में, राज्य सरकार चाय जनजाति समुदायों के लिए बैंक खाते खोलेगी और 3,000 रुपये की राशि सीधे राज्य उद्यान क्षेत्रों में 7,46,667 लाभार्थियों को हस्तांतरित की जाएगी।