भारतीय रिजर्व बैंक ने अलग-अलग मोबाइल वालेट के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए। इसका मकसद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है।
वर्ष 2017 में डिजिटल भुगतान के लिए तैयार की गई रूपरेखा में ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) नियम का अनुपालन करने वाले सभी प्रीपेड भुगतान मंचो (पीपीआई) के बीच अंतरपरिचालन को तीन चरणों में लागू करने की बात कही गई थी। मोबाइल वालेटों के बीच यूपीआई के माध्यम से अंतरपरिचालन किया जा सकता है। वालेट और बैंक खातों के बीच भी अंतरपरिचालन ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) के माध्यम से किया जा सकता है।
रिजर्व बैंक ने एकीकृत दिशानिर्देश जारी कर सभी चरणों के अंतरपरिचालन को लागू करने की तैयारी करने के आदेश दिए हैं।
कैसे होगा फायदा?
अगर मोबाइल वॉलेट कंपनियां आरबीआई की गाइडलाइन को मानती हैं, तो यूजर के लिए एक कंपनी के मोबाइल वॉलेट से दूसरे मोबाइल वॉलेट पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा। फिलहाल पेटीएम, फोन पे सहित कई मोबाइल वॉलेट ऑपरेट करते हैं। लेकिन इसमें आप एक कंपनी के मोबाइल वॉलेट से दूसरी कंपनी के मोबाइल वॉलेट में पैसे नहीं भेज सकते। ऐसे में अगर ये सभी कंपनियां आरबीआई की गाइडलाइन्स मान लेती हैं तो आमजनों को इसका बेहद फायदा मिलेगा ।