होली से पहले मोदी सरकार का नौकरीपेशा लोगों को झटका, EPFO ने घटाई ब्याज दर
By स्वाति सिंह | Published: March 5, 2020 01:18 PM2020-03-05T13:18:48+5:302020-03-05T13:27:51+5:30
EPFO: 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए ईपीएफओ ने 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी ब्याज दर 8.65 फीसदी पर ही स्थिर रह सकता है। दरअसल, बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.65 फीसदी की ब्याज दर को कायम रखने का इच्छुक है।
मोदी सरकार ने लगभग छह करोड़ नौकरीपेशा कर्मचारियों को झटका दिया है। दरअसल, ईपीएफओ ने 2019-2020 के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि की दर को 8.5% तक कम करने का फैसला किया है। बता दें कि पहले यह दर 8.65% था। गुरुवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने घोषणा की।
बीते मार्च, 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए ईपीएफओ ने 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी ब्याज दर 8.65 फीसदी पर ही स्थिर रह सकता है। दरअसल, बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.65 फीसदी की ब्याज दर को कायम रखने का इच्छुक है।
इससे पहले ये दावा किया जा रहा था कि ईपीएफ पर ब्याज दर को चालू वित्त वर्ष में घटाकर 8.50 फीसदी किया जा सकता है। बहरहाल, अगर ब्याज दर में बढ़ोतरी होती है तो आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पीएफ मिलेगा और करीब 6 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा होगा।
वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 8.55 फीसदी की दर से ब्याज दिया था। इस साल ईपीएफओ ने पांच साल में सबसे कम 8.55 फीसदी की दर से ब्याज उपलब्ध कराया था। वहीं 2016-17 में ईपीएफ पर ब्याज दर .।65 फीसदी पर था। जबकि 2015-16 में 8.80 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था। इसी तरह, 2013-14 और 2014-15 में ईपीएफ पर 8.75 फीसदी का ब्याज दिया गया था। वहीं 2012-13 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.50 फीसदी रही थी।