Income Tax return की देर से फाइलिंग पर हो सकता है भारी नुकसान, इन बातों का रखें ध्यान
By स्वाति सिंह | Published: September 8, 2020 01:50 PM2020-09-08T13:50:29+5:302020-09-08T13:57:10+5:30
आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने पर टैक्सपेयर्स को कॉफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कम छूट के अलावा, टैक्सपेयर्स को जुर्माना भी देना होगा।
मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक किया है। इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 0 नवंबर, 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है।
आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने पर टैक्सपेयर्स को कॉफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कम छूट के अलावा, टैक्सपेयर्स को जुर्माना भी देना होगा। देरी से ITR फाइल करने पर एक तरफ इनकम टैक्स में छूट का कम लाभ भी नहीं मिल पाता है। ऐसा करने से हो सकते है ये नुकसान
कितनी होती है जुर्माना राशि
धारा 234 एफ के तहत लेट फाइलिंग फीस, AY 2018-19 से दाखिल रिटर्न के लिए लगाई जाती है, अगर तय तारीख के बाद रिटर्न दाखिल किया जाता है। लेकिन, आकलन वर्ष के 31 दिसंबर से पहले, 5,000 रुपय की देर से दाखिल शुल्क लिया जाता है। अगर रिटर्न 31 दिसंबर की तुलना में बाद में दाखिल किया जाता है, तो 10,000 रुपय की देर से फाइलिंग शुल्क देय है। हालांकि, देर से दाखिल शुल्क का पैमेंट, 1,000 से अधिक नहीं हो सकता है, यदि कुल इनकम 5 लाख रुपय से ज्यादा नहीं हैं।
ये हो सकता है नुकसान
रिटर्न फाइल करने पर करदाता आवासीय संपत्ति को हुए नुकसान के अलावा किसी भी तरह की क्षति को कैरी फार्वर्ड नहीं कर सकते हैं।
आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किए गए थे जारी
कोविड-19 संकट के चलते सरकार के आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है। सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है।