नई दिल्ली, 13 जून: अटल पेंशन योजना की शुरूआत साल 2015 में केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। यह योजना खास तौर पर असंगठित क्षेत्र के लोगों को देखते हुए बनाई गई है। अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र में 1,000, 2,000 रुपये हर महीने की मिनिमम पेंशन की गारंटी ग्राहकों द्वारा योगदान के आधार पर दी जाती है। भारत का कोई भी नागरिक इस पेंशन का लाभ 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच उठा सकता है। इस पर मिलने वाला रिटर्न योगदानकर्ता (सब्सक्राइबर) के योगदान और योगदानकर्ता की ओर से कब इस योजना की शुरूआत की गई है इस पर निर्भर करता है।
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इन्वेस्ट करने के लिए आप अपनी सुविधा के आधार पर विकल्प चुन सकते हैं। जैसे अगर आप चाहे तो मासिक, तिमाही या छमाही में अपने सेविंग बैंक अकाउंट या डाकघर बचत बैंक खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के द्वारा कर सकते हैं। आपको मासिक कितनी पेंशन मिलेगी यह इस पर निर्भर करता है 60 साल का होने पर आप कितनी रकम की एन्युटी खरीदते हैं।
जितनी ज्यादा रकम की एन्युटी खरीदेंगे, उतनी ही ज्यादा रकम हर महीने पेंशन की मिलेगी। और एन्युटी कितने की खरीद रहे हैं, यह निर्भर करेगा इस बात पर कि आपका पेंशन वेल्थ कितना बनता है और उस पर आपको रिटर्न कितना मिला है। मतलब यह कि अगर आप 84 रुपये का मासिक इन्वेस्ट करते है तो 60 साल की उम्र तक आप 2000 रुपये की हर महीने पेंशन सुनिश्चित करवा सकते हैं।
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देरी से निवेश पर जुर्माना
अगर आपके अकाउंट में कम राशि के कारण इन्वेस्ट नहीं हो पाता है तो उसे डिफ़ॉल्ट माना जाएगा। इसके अलावा अगर आप देरी से इन्वेस्ट का ब्याज देते हैं तो बैंक मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के लिए 1 रुपये प्रति महीने जुर्माना शुल्क लेंगे।