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आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 30 सितंबर तक बढ़ाई गई

By निखिल वर्मा | Updated: July 30, 2020 05:29 IST

उल्लेखनीय है कि वित्तवर्ष 2018-19 का मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न भरने की तारीख तीसरी बार बढ़ाई गई है। 

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ठळक मुद्देआयकर विभाग ने नकद निकासियों पर टीडीएस दरों का पता लगाने की सुविधा उपलब्ध कराईआयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिये किये बदलाव

सरकार ने वित्तवर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख और दो महीने यानी 30 सितंबर तक बढ़ा दी है। आयकर विभाग ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर आयकर दाताओं को और राहत देते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तवर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए आय कर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी है।’’

नकद निकासियों पर टीडीएस दरों का पता लगाने की सुविधा उपलब्ध कराई

आयकर विभाग ने कहा कि उसने बैंकों और डाकघरों को एक नई सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसके माध्यम से आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों (नॉन फाइलर्स) के मामले में 20 लाख रुपये से अधिक और आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के मामले में एक करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर लागू टीडीएस दर का पता लगाया जा सकता है।

इस सुविधा का ब्यौरा देते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि अब बैंक या डाकघर को टीडीएस दर का पता लगाने के लिए सिर्फ उस व्यक्ति का पैन भरना होगा, जो नकद निकासी कर रहा है। बयान में कहा गया कि अभी तक इस सुविधा के तहत 53,000 से ज्यादा सत्यापन अनुरोधों को पूरा किया जा चुका है। सरकार ने नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए बैंकों या डाकघरों से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाने की व्यवस्था की है, हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी शामिल हैं।

टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिये किये बदलाव

आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिये इसमें कुछ बदलाव किये हैं। इनमें कर की कटौती नहीं करने के कारणों की जानकारी देने को अनिवार्य बनाना भी शामिल है। बैंकों को नये फॉर्म में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर ‘स्रोत पर की गयीकर की कटौती’ (टीडीएस) की जानकारी भी देनी होगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के माध्यम से ई-वाणिज्य ऑपरेटरों, म्यूचुअल फंड और कारोबार न्यासों के द्वारा लाभांश वितरण, नकदी निकासी, पेशेवर शुल्क और ब्याज पर टीडीएस लगाने के लिये आयकर नियमों को संशोधित किया है।

रकार ने नकदी में लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिये 2019-20 के बजट एक वित्तीय वर्ष में एक बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लगाया था।

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