आठ से नौ लाख रुपये तक की आय पर बचा जा सकता है कर भुगतान से : सचिव

By भाषा | Published: February 3, 2019 01:29 AM2019-02-03T01:29:09+5:302019-02-03T01:29:09+5:30

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में शुक्रवार को पेश 2019- 20 के अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को कर से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि इससे मध्यम आय वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को फायदा होगा जबकि सरकार को 18,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।

Income from eight to nine lakh rupees can be avoided by paying tax: Secretary | आठ से नौ लाख रुपये तक की आय पर बचा जा सकता है कर भुगतान से : सचिव

आठ से नौ लाख रुपये तक की आय पर बचा जा सकता है कर भुगतान से : सचिव

अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की घोषणा को लेकर उपजे भ्रम को दूर करते हुए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने शनिवार को कहा कि कर बचत वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति सालाना आठ- नौ लाख रुपये तक कि कमाई पर भी कर देने से बच सकता है।

उन्होंने कहा यदि किसी व्यक्ति ने भविष्य निधि, जीवन बीमा, पेंशन योजना, पांच साल की सावधि जमा और राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी विभिन्न कर बचत योजनाओं में निवेश किया है, आवास ऋण लिया है तो नये बजट प्रस्ताव के तहत ऐसे व्यक्ति की आठ से नौ लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर देनदारी नहीं होगी। 

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में शुक्रवार को पेश 2019- 20 के अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को कर से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि इससे मध्यम आय वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को फायदा होगा जबकि सरकार को 18,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। 

पांडेय ने एक साक्षात्कार में पीटीआई- भाषा को बताया, ‘‘हमने आयकर में पूरी छूट दी है ताकि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्ति को कोई कर नहीं देना पड़े। ऐसे में आयकर की धारा80सी के तहत विभिन्न योजनाओं में निवेश करने अथवा शिक्षा और आवास रिण पर ब्याज का भुगतान करने वाले पांच लाख से अधिक कमाई करने वाले लोग भी कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। आपने पेंशन योजना में निवेश किया है, चिकित्सा बीमा प्रीमियम भरा है, तो आठ से नौ लाख रुपये के दायरे में कमाई करने वाले भी कर योग्य आय पांच लाख रुपये से नीचे आने पर कर छूट पा सकते हैं और उन्हें कोई कर नहीं देना होगा।’’ 

सरकार के इस कदम से स्वरोजगार करने वाले, छोटे व्यवसायी, कारोबारी, वेतन भोगी, पेंशनर और वरिष्ठ नागरिक सहित मध्यमवर्ग के करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी। 

आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कुछ खास योजनाओं में निवेश करने पर डेढ लाख रुपये तक की कर छूट मिल सकती है। लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), जीवन बीमा पॉलिसी, दो बच्चों की पढ़ाई पर दी गई ट्यूशन फीस, बैंकों में पांच साल की सावधि जमा, राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) सहित कुछ गिनी-चुनी योजनायें हैं जिनमें निवेश कर डेढ लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है। 

इसके अलावा आवास रिण पर दिये गये दो लाख रुपये तक के ब्याज पर भी कर छूट का लाभ मिल सकता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश पर 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिल सकती है। चिकित्सा बीमा प्रीमियम में भी 75 हजार रुपये तक की कर छूट उपलब्ध है। 

इन सब के अलावा सरकार ने व्यक्तिगत आयकर की गणना में मानक कटौती को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है। यह वेतनभोगी तबके को अतिरिक्त लाभ दिया गया है।

Web Title: Income from eight to nine lakh rupees can be avoided by paying tax: Secretary

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