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अगर आप अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने से बचना चाहते हैं, तो ये जरुर पढ़ें

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 24, 2018 13:18 IST

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट ऐसा ही अकाउंट है जिसमें आपको मिनिमम अमाउंट रखने की जरूरत नहीं होती है।

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बैंक की मिनिमम अमाउंट रखने के कारण हमे अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।  लेकिन कुछ अकाउंट ऐसे है जिसमे मिनिमम अमाउंट रखने की कोई पाबंदी नहीं है। जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट ऐसा ही अकाउंट है जिसमें आपको मिनिमम अमाउंट रखने की जरूरत नहीं होती है। इसके साथ ही इसमें कई फायदे भी है। 

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट को विस्तार से जानें-

कोई मिनिमम अमाउंट नहीं

सामान्य बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) एक ऐसा अकाउंट है इसमें कोई मिनिमम अमाउंट की जरुरत नहीं होती। मिनिमम बैलेंस हर बैंक में अलग-अलग होता है और अगर हम उसमे बैलेन्स ना होने पर पेनल्टी भी लगती है, बीएसबीडीए (BSBDA)के अकाउंट में मिनिमम अमाउंट रखने का कोई कोई प्रावधान नहीं है।

सेकंडरी अकाउंट के रुप में इस्‍तेमाल करें 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक सभी बैंक में अकाउंट खोलने वालों को अपने अकाउंट को सेकंडरी अकाउंट के रुप में इस्‍तेमाल करने की सुविधा दी गई है। अपने रेगुलर सेविंग बैंक अकाउंट को मैनेज करने के लिए जीरो बैलेंस अकाउंट को सेकंडरी अकाउंट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 

योग्यता

सभी बैंक का उम्र और इनकम का अपना क्राईटीरिया होता है। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार बैंकों को उम्र और इनकम के मुताबिक बीएसबीडीए अकाउंट खुलवाने वालों के लिए बैंकों का मानदंड जरुरी नहीं है। 

लिमिटेड इन्सट्रक्शन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पैसे जमा करवाने और निकालने पर कोई रोक नहीं लगाया है, लेकिन सभी बैंकों ने महीने में 4 बार निकासी की मैक्सिमम लिमिट निर्धारित की है। इसमें एटीएम से पैसे निकालने, आरटीजीएस, एनईएफटी, ब्रांच कैश, स्टेंडिंग इन्सट्रक्शन, ईएमआई सभी शामिल हैं। लेकिन फिर भी यह बैंक पर निर्भर करता है। वह अतिरिक्त बिना किसी चार्ज के निकालने देता है या नहीं। बता दें कि जमा करवाने की कोई लिमिट नहीं है। 

बीएसबीडीए और बीएसबीडीए स्माल अकाउंट में अंतर 

बीएसबीडीए अकाउंट के लिए केवाईसी जरूरी है लेकिन अगर कोई अकाउंट केवाईसी के साथ खोला गया है तो वह बीएसबीडीए स्माल अकाउंट के अंतर्गत आता है। लेकिन इसमे सुविधाओं के साथ-साथ इसमें कुछ रोक भी शामिल हैं। 

1. एक फाइनेंसियल इयर में सारे क्रेडिट मिलाकर 1 लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 

2. सभी विड्रॉल और ट्रांसफर मिलाकर 10,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। 

3. बैलेन्स 50,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। 

सिर्फ एक अकाउंट  

किसी भी पुराने सेविंग अकाउंट को बीएसबीडीए में आसानी से बदला जा सकता है। या फिर आप नया भी खोल सकते हैं। लेकीन ध्यान रखने वाली बात ये है कि एक व्यक्ति केवल एक ही बैंक में एक ही बीएसबीडीए खाता खोल सकता है, अगर किसी ने रेगुलर सेविंग अकाउंट खुलवाया है, तो इसे बीएसबीडीए खुलवाने के 30 दिनों के अंदर ही बंद करना ज़रूरी है, वरना बैंक 30 दिनों में बंद कर देगा।

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