लाइव न्यूज़ :

रेपो रेट कम होने से बढ़ेगी घरों-गाड़ियों की मांग, ब्याज दर हुआ आधा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 28, 2020 09:53 IST

रिजर्व बैंक का रेपो रेट कम करने की घोषणा के बाद गृहकर्ज के लिए तीन महीने मासिक किश्त न भरते हुए भी कर्जदार की कर्ज की 15 मासिक किश्त कम हो जाएगी। बॉक्स 1 फीसदी मुद्रांक शुल्क कटौती का फैसला शीघ्र हो फरवरी महीने में निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने घर खरीदी पर एक प्रतिशत मुद्रांक शुल्क (रजिस्ट्री) में कटौती करने का निर्णय लिया था। 

Open in App
ठळक मुद्देरिजर्व बैंक ने लोन की किस्त भरने के लिए तीन महीने की रियायत दी है।किसी का लोन एकाउंट एनपीए नहीं होगा।

 

देशभर के बैंक जब रिजर्व बैंक से अल्पावधि का कर्ज लेते हैं, उस वक्त जिस दर से रिजर्व बैंक ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। ऐसे में अब बैंकों को कम रेपो रेट पर रिजर्व बैंक से लोन मिलेगा। इससे बैंकों की ब्याज दर भी कम से कम आधा प्रतिशत कम हो जाएगी। इस घोषणा से लोगों की घर और वाहनों की मांग बढ़ने की बात वित्त जगत के जानकारों ने 'लोस' से बातचीत के दौरान कही। 

क्रेडाई नागपुर मेट्रो के सचिव गौरव अगरवाला ने कहा कि रिजर्व बैंक ने लोन की किस्त भरने के लिए तीन महीने की रियायत दी है। इससे किसी का लोन एकाउंट एनपीए नहीं होगा। इससे कर्जदार की क्रेडिट रेटिंग भी खराब नहीं होगी। उदाहरण के तौर पर कर्जदार को 180 महीने किस्त भरना है तो उसे अब 183 महीने किस्त देनी होगी। लेकिन कर्ज की ब्याज दर कम होने से कर्जदार को मासिक किस्त भरने से 15 महीने की छूट मिलेगी। 

दूसरा उदाहरण देना हो तो कर्जदार ने यदि 20 साल के लिए 20 लाख रुपए का गृहकर्ज 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया है तो उसे 17 हजार मासिक किस्त में कर्ज की रकम चुकानी पड़ रही थी। लेकिन अब कर्ज की ब्याज दर कम होने से कर्जदार को पहले की 17 हजार रुपए की मासिक किस्त पर 20 महीने कम कर्ज चुकाना होगा। रिजर्व बैंक का रेपो रेट कम होने का लाभ ग्राहकों को हुआ है। ग्राहकों को घर के किराए जितनी बैंक की किस्त पड़ेगी। आर्थिक मंदी के दौर में केंद्र सरकार ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। 

तीन महीने की किश्त भरने की जरूरत नहीं धारा 144 और कोरोना के कारण संपूर्ण देश में माल यातायात बंद हो गया है। इससे ट्रक, टेम्पो जगह पर खड़े हैं। उनके लिए आय न होने से बैंकों की किश्त भरना कठिन हो गया है। ऐसी स्थिति में कर्जदार से कुछ महीने बैंक की किश्त न लेने की मांग होने लगी थी। इस आशय का पत्र अनेक संगठनों ने केंद्र सरकार और केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजा था। 

आखिर में इस मांग की दखल लेकर वित्तमंत्री ने बड़ा निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक का रेपो रेट कम करने की घोषणा के बाद गृहकर्ज के लिए तीन महीने मासिक किश्त न भरते हुए भी कर्जदार की कर्ज की 15 मासिक किश्त कम हो जाएगी। बॉक्स 1 फीसदी मुद्रांक शुल्क कटौती का फैसला शीघ्र हो फरवरी महीने में निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने घर खरीदी पर एक प्रतिशत मुद्रांक शुल्क (रजिस्ट्री) में कटौती करने का निर्णय लिया था। 

इस पर 1 अप्रैल से अमल होना था। लेकिन अब यह देखना होगा कि कोरोना के कारण अमल कब होगा? ऐसा होने पर शहर में घर लेते समय 6 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 6 प्रतिशत मुद्रांक शुल्क लगेगा। मुद्रांक शुल्क और कर्ज के ब्याज की दर में कटौती का लाभ गृहकर्ज के साथ वाहन कर्ज लेने वालों को भी मिलना चाहिए। 

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबार6 दिसंबर से लागू, कर्ज सस्ता, कार और घर खरीदेने वाले को राहत, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

पर्सनल फाइनेंस अधिक खबरें

पर्सनल फाइनेंसLIC New Schemes: LIC ने शुरू की 2 नई योजनाएं, पूरे परिवार के लिए मिलेगी ये सुविधा, यहां करें चेक

पर्सनल फाइनेंसPPO Number: रिटायर पेंशनभोगियों के लिए जरूर है PPO नंबर, जानें क्या है ये और ऑनलाइन कैसे करें पता

पर्सनल फाइनेंसLIC Amrit Bal Policy: बच्चों के भविष्य के लिए जरूर कराए LIC की ये पॉलिसी, जानें पूरी पॉलिसी डिटेल्स

पर्सनल फाइनेंसस्टार्टअप कंपनीज को आईपीओ बनाने की मुहिम में जुटे मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा

पर्सनल फाइनेंसRBI ने Mastercard पर लगाया बैन,22 जुलाई से बैंक नहीं जारी कर पाएंगे नए मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड