बैंक से आपको जो भी सुविधाएं दी जाती हैं उनका सबका चार्ज लिया जाता है। फिर भी कई बार हमारी लापरवाही के चलते बैंकों को चार्ज वसूलने का और मौका मिल जाता है। इसका कारण है ज्यादातर हम बैंकिेंग करते समय बैलेंस, ट्रांजेक्शंस लिमिट जैसी कई ध्यान रखने वाली बातों को लेकर अलर्ट नहीं रहते और यही छोटी चूक हमारी जेब पर भारी पड़ती है। अगर हम इन सबको करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखें तो एक्स्ट्रा चार्ज से बच सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे कौन से चार्ज हैं, जिन्हें आप थोड़ा सा ध्यान देकर कटने से बचा सकते हैं -
नेटबैंकिंग का प्रयोग
अगर आप चेक से पैसे निकालते हैं तो आदत बदल लीजिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक आपसे चेकबुक देने का भी चार्ज करता है। ऐसे में अगर आप चेकबुक का प्रयोग करते हैं तो आप अपने 20 से 150 रुपए तक बचा सकते हैं।
एटीएम का प्रयोग हम सभी लोग एटीएम का यूज करते हैं। लेकिन हम भूल जाते हैं कि ज्यादातर बैंक महीने में सिर्फ 5 बार फ्री पैसा निकालने का ऑप्शन देते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि एक बार में बड़ा अमाउंट निकाल लें। इससे आपके ज्यादा बार ट्रांजक्शन करने से 10 रुपए से 20 रुपए बचा सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड का बिल क्रेडिट कार्ड का प्रयोग आज हम ज्यादातर करते हैं। ऐसे में क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट करने पर आपके ऊपर 36 फीसदी से लेकर 42 फीसदी का चार्ज लग सकता है। वहीं, सिर्फ 3 दिन की लेट पेमेंट पर आपको 750 रुपए चार्ज करने पड़ सकते हैं, ऐसे में हमेशा समय पर बिल भरें।
मिनिमम बैलेंस रखना हर बैंक की अकाइंट में मिनिमम बैलेंस लिमिट होती है। ऐसे में जहां तक हो हमेशा कोशिश चाहिए कि अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बना रहे। ऐसा नहीं करने से बैंक आप पर 10 रुपए महीने से लेकर 600 रुपए तक चार्ज कर सकता है।
बैलेंस से ज्यादा का चेक न दें अकाउंट में जितने पैसे हों उतनी रकम का ही चेक इश्यू करें। अगर चेक बाउंस हो गया तो बैंक आप पर 500 रुपए से लेकर 750 रुपए तक की पेनल्टी लगा सकता है। इसके अलावा चेक बाउंस होना एक क्रिमिनल ऑफेंस भी है।