पहली नौकरी मिलने के बाद युवाओं को रखना चाहिए इन पांच बातों का ध्यान, सुरक्षित होगा भविष्य
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 27, 2019 03:35 PM2019-05-27T15:35:40+5:302019-05-27T15:35:40+5:30
पहली नौकरी मिलने के बाद ज्यादातर युवा समझ नहीं पाते कि पैसे कहां निवेश किए जाएं। ये गलतियां समय के साथ भारी पड़ती जाती हैं। इसलिए आज हम बताने जा रहे हैं कुछ बातें जिनका ध्यान रखकर नौकरी की शुरुआत करने वाले युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
पहली नौकरी सभी के लिए खास होती है। इसके साथ मिलती खर्च करने की आजादी। शौक पूरा करने की स्वच्छंदता। तोहफे देने की क्षमता। पहली नौकरी मिलने के बाद ज्यादातर युवा समझ नहीं पाते कि पैसे कहां निवेश किए जाएं। ये गलतियां समय के साथ भारी पड़ती जाती हैं। इसलिए आज हम बताने जा रहे हैं कुछ बातें जिनका ध्यान रखकर नौकरी की शुरुआत करने वाले युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
#1. निवेश और बीमा, दो अलग-अलग चीजें हैं। निवेश का उद्देश्य रिटर्न हासिल करना है। वहीं बीमा का उद्देश्य लाइफ कवर देना है। इसलिए बीमा को निवेश समझने की भूल ना करें।
#2. हर युवा का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। इस चक्कर में वो नौकरी मिलते ही होमलोन की फिराक में लग जाते हैं। नौकरी के शुरुआती दिनों में ही घर खरीदने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इससे आपकी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा होमलोन में खर्च हो जाएगा। इससे रिटारमेंट प्लान जैसी जरूरी चीजें पीछे रह जाएंगी।
#3. पहली नौकरी मिलने के बाद इमरजेंसी फंड की व्यवस्था करना चाहिए। यह आपकी छह महीने की सैलरी के बराबर की रकम होनी चाहिए। इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य और आपात स्थिति में खर्च करने के लिए किया जाना चाहिए। इमरजेंसी फंड ना होने की स्थिति में जरूरत पड़ने पर आपको या तो कर्ज लेना पड़ेगा या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना पड़ेगा। और आप इसके दुष्कचक्र में फंस जाएँगे।
#4. इमरजेंसी फंड में पैसा इकट्ठा करने के लिए आप रिकरिंग डिपॉजिट का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा म्युचुअल फंड्स में निवेश के जरिए भी इमरजेंसी फंड जितनी रकम इकट्ठी की जा सकती है।
#5. युवा भी अपने पैसे को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव होते हैं। इसलिए या तो वो अपना पैसा सेविंग अकाउंट में रखते हैं या फिक्स्ड डिपॉजिट करवा देते हैं। सेविंग अकाउंड में तीन प्रतिशत रिटर्न मिलता है और महंगाई दर पांच प्रतिशत होती है। ऐसे में आपके पैसे की कीमत घटती रहती है। एफडी का घाटा ये है कि जरूरत पड़ने पर आप उसे निकाल नहीं सकते। इसका समाधान ये है कि आपको निवेश का एक हिस्सा इक्विटी वाले म्युचुअल फंड्स में करना चाहिए। इससे रिटर्न भी अच्छा मिलेगा और आप कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।