कोरोना संकट में PF खाते से निकाल सकते हैं रुपये, अबतक 8.2 लाख सदस्यों ने निकाली रकम, जानें क्या है तरीका
By स्वाति सिंह | Published: May 5, 2020 07:16 AM2020-05-05T07:16:02+5:302020-05-05T07:16:02+5:30
कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच ईपीएफओ और निजी पीएफ कोषों के करीब 8.2 लाख सदस्यों ने अपने गुजर-बसर के लिए 3,243.17 करोड़ रुपये निकाले हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की आपदा और इससे जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अपने अंशधारकों को अपने खाते से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने पिछले सप्ताह विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के तहत की थी।
इसके क्रियान्वयन के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना के अनुसार ईपीएफ खाते से स्वीकृत निकासी की राशि अंशधारक के तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग या उसके खाते में जमा हुई कुल राशि के तीन चौथाई में से जो भी कम हो, उससे अधिक नहीं हो सकती है।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन को लेकर 28 मार्च 2020 को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना में तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में पड़ी 75 प्रतिशत राशि जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गई है।
सबसे पहले UAN पोर्टल पर जाकर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) और पासवर्ड डालकर लॉग-इन करें।
- अब टॉप पैनल पर मौजूद 'My Account' पर क्लिक करें।
- अब अपके सामने 'Mark Exit' ऑप्शन दिखाई देगा, इस पर क्लिक करें।
- अब अगले पेज पर उस कंपनी को सिलेक्ट करें जिसकी तारीख दर्ज करनी है।
- यहां पर कंपनी छोड़ने की तारीख दर्ज करें, इसके बाद एंटर बटन दबाएं।
- आपके आधार कार्ड के साथ रजस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, इसे बॉक्ट में भरना होगा।
- ये सारे स्टेप्स फॉलो करके आप अपने PF अकाउंट में कंपनी छोड़ने की तारीख दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद आप पीएफ से पैसा निकालने या ट्रांसफर करने की प्रॉसेस कर सकते हैं।
लॉकडाउन में 8.2 लाख कर्मचारियों ने PF खाते के पेंशन फंड से निकाली रकम
कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच ईपीएफओ और निजी पीएफ कोषों के करीब 8.2 लाख सदस्यों ने अपने गुजर-बसर के लिए 3,243.17 करोड़ रुपये निकाले हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 28 मार्च के निर्णय में इस योजना के अंशधारक कर्मचारिेयों को लॉकडाउन के कारण कठिनाइयों से निपटने के लिए आंशिक निकाषी की अनुमति दी थी।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले ईपीएफओ ने (इस दौरान) कुल 12.91 लाख दावों का निपटारा किया है, जिसमें कोविड-19 संकट में घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत दी गयी छूट से संबंधित 7.40 लाख दावे शामिल हैं।’’ इन दावों के तहत कुल 4,684.52 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जिसमें पीएमजीकेवाई पैकेज के तहत 2,367.65 करोड़ रुपये के दावे शामिल हैं।
जानें ईपीएफओ के बारे में
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारी भविष्य निधि को बढ़ावा देता है, जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम (1952) के तहत मुख्य योजना है। यह दीर्घकालिक निवेश योजना कारखाने के कर्मचारियों और अन्य प्रतिष्ठानों के लिए भविष्य निधि की संस्था प्रदान करती है। कर्मचारी और नियोक्ता प्रत्येक कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का 12% ईपीएफ में योगदान करते हैं। वर्तमान में, ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.65% है।
ईपीएफओ के 19 करोड़ से अधिक ग्राहक खाते हैं, जिसमें वे सदस्य भी शामिल हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अपने दावों का निपटान करते हैं। वर्तमान में ईपीएफओ के अंशदान सदस्यों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है।