6 करोड़ EPF सब्सक्राइबर्स को लग सकता है झटका, ब्याज दर घटाने की हो रही है तैयारी
By अनुराग आनंद | Published: March 3, 2021 12:03 PM2021-03-03T12:03:10+5:302021-03-03T12:05:09+5:30
पेट्रोल, डीजल व एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि की वजह से पहले से ही सैलरीड क्लास के लोगों के बजट पर असर पड़ रहा है। इस बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार करीब 6 करोड़ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े लोगों के ब्याज में कटौती करने का विचार कर रही है।
नई दिल्ली: देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों की वजह से पहले से ही नौकरीपेशा वाले लोग परेशान हैं। ऐसे में अब उन्हें एक और बड़ा झटका लगने की संभावना है।
दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर को घटने पर विचार कर रही है। यदि यह फैसला लिया जाता है तो इससे करीब 6 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होंगे।
डीएनए इंडिया के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से करोड़ों पीएफ सब्सक्राइबर्स को भारी झटका लगेगा, जो अपने पीएफ अकाउंट में पिछले साल का ब्याज अब तक नहीं जुड़ने की वजह से पहले से ही परेशान हैं।
EPF पर मिलने वाला ब्याज घटेगा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संकटकाल में काफी बड़ी संख्या में लोगों ने बजट पर असर पड़ने के बाद ईपीएफ निकासी की है। यही नहीं इस दौरान पीएफ अंशदान में भी कमी आई है। यही वजह है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ब्याज दरों में कटौती करना चाहती है। ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) नई दरों पर निर्णय लेने के लिए 4 मार्च को बैठक करने वाला है।
2020 में 7 सालों में सबसे कम ब्याज दिया गया था, अब और घटाने की तैयारी-
बता दें कि वित्त वर्ष 2020 में EPF पर पिछले 7 सालों में सबसे कम 8.5 परसेंट का ब्याज मिला था, अब नए वित्त वर्ष में उसे और घटाने की तैयारी हो रही है। इसके पहले वित्त वर्ष 2013 में EPF पर ब्याज दरें 8.5 परसेंट थीं। इसके पहले वित्त वर्ष 2019 में EPF पर 8.65 परसेंट ब्याज मिलता था। EPFO ने वित्त वर्ष 2018 में 8.55 परसेंट ब्याज दिया था, जो कि इसके पहले वित्त वर्ष 2016 में ये 8.8 परसेंट था। इसके पहले वित्त वर्ष 2014 में ये 8.75 परसेंट था।
4 मार्च को होगा ब्याज दरों पर श्रीनगर की बैठक में होगा फैसला-
वित्त वर्ष 2020 में EPFO की कमाई पर बुरा असर पड़ा है। मीडिया से बात करते हुए EPFO के ट्रस्टी के ई रघुनाथन ने बताया कि उन्हें बताया गया है कि 4 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्र्स्टीज की बैठक श्रीनगर में होगी। उनको मिली ई-मेल में ब्याज दरों को लेकर किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।