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EMI पर 3 महीने की छूट: जानें कौन-कौन से लोन पर होगी लागू?, क्या हैं इसके मायने

By स्वाति सिंह | Updated: March 28, 2020 10:04 IST

देशभर के बैंक जब रिजर्व बैंक से अल्पावधि का कर्ज लेते हैं, उस वक्त जिस दर से रिजर्व बैंक ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। ऐसे में अब बैंकों को कम रेपो रेट पर रिजर्व बैंक से लोन मिलेगा। इससे बैंकों की ब्याज दर भी कम से कम आधा प्रतिशत कम हो जाएगी।

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ठळक मुद्देबैंकों ने आरबीआई की सलाह अमल में लाई, तो अगले 3 महीने तक आपको लोन की ईएमआई नहीं देनी पड़ेगी। इसका मतलब यह नहीं कि आपकी ईएमआई माफ हो गई। 

नई दिल्ली: लॉकडाउन के हालात के चलते आरबीआई ने ईएमआई का बोझ कम करने की कोशिश की है। आरबीआई ने बैंकों से लोन की ईएमआई भर रहे लोगों को 3 महीने तक राहत देने की सलाह दी है। ऐसे में अब गेंद बैंकों के पाले में है। बैंकों को यह तय करना है कि वे आम लोगों को ईएमआई पर छूट दें या नहीं। क्या हो सकता है? 

बैंकों ने आरबीआई की सलाह अमल में लाई, तो अगले 3 महीने तक आपको लोन की ईएमआई नहीं देनी पड़ेगी। * हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आपकी ईएमआई माफ हो गई। * बैंक 3 महीने का समय खत्म होने के बाद ईएमआई वसूलेंगे। * संभव है कि बैंक ईएमआई की मासिक किस्त बढ़ा दें। इसके अलावा लोन भुगतान की अवधि में भी इजाफा किया जा सकता है। * ग्राहकों की तीन किस्त तो बढ़ेगी ही, इन तीन महीनों का अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा। * बैंक अपने ग्राहकों के समक्ष एक खास डेडलाइन तक वनटाइम सैटलमेंट का विकल्प भी रख सकते हैं। * इस घोषणा का लाभ होम लोन लेने वालों को, कार या अन्य वाहन के लिए लोन लेने वालों को, पर्सनल लोन लेने वालों, मशीनरी के लिए लोन लेने वालों आदि को मिलेगा। 

रेपो रेट कम होने से बढ़ेगी घरों-गाड़ियों की मांग

देशभर के बैंक जब रिजर्व बैंक से अल्पावधि का कर्ज लेते हैं, उस वक्त जिस दर से रिजर्व बैंक ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। ऐसे में अब बैंकों को कम रेपो रेट पर रिजर्व बैंक से लोन मिलेगा। इससे बैंकों की ब्याज दर भी कम से कम आधा प्रतिशत कम हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने लोन की किस्त भरने के लिए तीन महीने की रियायत दी है। इससे किसी का लोन एकाउंट एनपीए नहीं होगा। इससे कर्जदार की क्रेडिट रेटिंग भी खराब नहीं होगी। उदाहरण के तौर पर कर्जदार को 180 महीने किस्त भरना है तो उसे अब 183 महीने किस्त देनी होगी। लेकिन कर्ज की ब्याज दर कम होने से कर्जदार को मासिक किस्त भरने से 15 महीने की छूट मिलेगी। 

दूसरा उदाहरण देना हो तो कर्जदार ने यदि 20 साल के लिए 20 लाख रुपए का गृहकर्ज 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया है तो उसे 17 हजार मासिक किस्त में कर्ज की रकम चुकानी पड़ रही थी। लेकिन अब कर्ज की ब्याज दर कम होने से कर्जदार को पहले की 17 हजार रुपए की मासिक किस्त पर 20 महीने कम कर्ज चुकाना होगा। रिजर्व बैंक का रेपो रेट कम होने का लाभ ग्राहकों को हुआ है। ग्राहकों को घर के किराए जितनी बैंक की किस्त पड़ेगी। आर्थिक मंदी के दौर में केंद्र सरकार ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। 

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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