महिला हॉकी की ओलंपियन निक्की प्रधान के पिता ने कहा, बढ़त के बाद हारना दुखदायी

By भाषा | Published: August 6, 2021 09:05 PM2021-08-06T21:05:48+5:302021-08-06T21:05:48+5:30

Women's hockey Olympian Nikki Pradhan's father said, it is sad to lose after the lead | महिला हॉकी की ओलंपियन निक्की प्रधान के पिता ने कहा, बढ़त के बाद हारना दुखदायी

महिला हॉकी की ओलंपियन निक्की प्रधान के पिता ने कहा, बढ़त के बाद हारना दुखदायी

खूंटी, छह अगस्त तोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी के सेमीफाइनल में भारतीय टीम की ब्रिटेन के हाथों पराजय से झारखंड की पहली महिला ओलंपियन निक्की प्रधान के पिता सोमा प्रधान मायूस हैं और उन्होंने कहा कि मैच में बढ़त लेने और अच्छे प्रदर्शन के बावजूद हारना बहुत दुखदायी है।

ब्रिटेन से तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम के 3 - 4 से हारने के बाद सोमा प्रधान ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे दुःख है कि भारतीय टीम बेहतर प्रदर्शन करने के बाबजूद कांस्य पदक जीतने से चूक गई।’’

उन्होंने कहा कि तीसरे क्वार्टर के बाद 3-2 की बढ़त लेने के बाबजूद भारतीय टीम का हार जाना दुखदायी और मायूस करने वाला है लेकिन यह खेल है और इसमें हार-जीत लगी रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘बाबजूद इसके जिस तरह के खेल का प्रदर्शन भारतीय महिलाओं ने दिखाया वह सराहनीय है और इसके लिए पूरी टीम को बधाई दी जानी चाहिए।’’

वहीं निक्की की माँ जीतन देवी ने कहा कि ओलंपिक में सेमीफाइनल मैच खेलना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है और अब आने वाले समय में भारत की यह टीम और बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब निक्की के भारत लौटने का इंतजार है।’’

इससे पहले सिमडेगा में भारतीय महिला टीम की दूसरी खिलाड़ी सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे ने कहा, ‘‘तोक्यो ओलिम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम आज ब्रिटेन से हारकर कांस्य पदक जीतने से भले ही चूक गई हो लेकिन देश की बेटियों ने अपने जज्बे व जुनून से सबका दिल जीत लिया और साबित कर दिया कि आने वाला वक्त उनका है तथा इस हार से सबक लेकर वह और भी मजबूत बनकर उभरेंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी समेत टीम की सभी बेटियों ने पूरे देश का दिल जीत लिया।’’

सुलक्षण ने कहा, ‘‘इतनी परेशानियों में पली बढ़ी उनकी बेटी और ऐसी ही भारतीय टीम की कई बेटियों ने ब्रिटेन की टीम के छक्के छुड़ा दिये।’’

सलीमा के गांव में भी सुबह से उत्साह का माहौल था। लोग खेती-बाड़़ी का काम छोड़ सलीमा के घर मैच देखने के लिए पहुंच गए थे जहां मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्मार्ट टीवी लगाया गया था।

भारतीय टीम के हर गोल पर गांव वाले स्थानीय भाषा में बार-बार ‘मार सलीमा मार, गोल मार’ का शोर करते रहे और अपनी टीम का उत्साह बढ़ाने का प्रयास करते रहे। टीम की हार से परिवार व गांव के लोग भी मायूस हो गए। सुलक्षण ने कहा, ‘‘मैच में हार-जीत लगी रहती है। भविष्य में टीम और बेहतर प्रदर्शन करेगी।’’

सलीमा की बहन और राष्ट्रीय स्तर की हॉकी खिलाड़ी महिमा टेटे ने कहा कि महिला टीम की हार से निराशा हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘परंतु यह भी सच है कि महिला टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे अपनी बहन पर गर्व है।’’

उसने कहा कि उसका भी सपना भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाना है। सलीमा की मां सुबानी टेटे ने कहा, ‘‘ भारतीय टीम की हार से दुखी हूं पर टीम को शुभकामना देती हूं कि वह भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करे।

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