Sandeep Singh: 2019 में शुरू किया था राजनीतिक सफर, जानिए कौन हैं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 1, 2023 07:54 PM2023-01-01T19:54:50+5:302023-01-01T19:56:02+5:30

Sandeep Singh: यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह ने रविवार को खेल विभाग छोड़ दिया और कहा कि नैतिक आधार पर यह कदम उठाया है। जूनियर महिला एथलेटिक्स कोच की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस द्वारा भाजपा के नेता संदीप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ।

Who is Sandeep Singh Started his political journey in 2019 former hockey captain Team India haryana bjp | Sandeep Singh: 2019 में शुरू किया था राजनीतिक सफर, जानिए कौन हैं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान

पूर्व ओलंपियन और कुरुक्षेत्र के पिहोवा से पहली बार विधायक बने संदीप सिंह के पास प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग भी है। हालांकि उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया है।

Highlightsपूर्व कप्तान सिंह (36) पर महिला को बंधक बनाने का आरोप लगा है।महिला कोच ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की।संदीप सिंह ने कहा कि खेल विभाग छोड़ दिया है।

चंडीगढ़ः यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद पद छोड़ने वाले हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह ने तीन साल पहले ही अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सिंह (36) ने रविवार को खेल विभाग छोड़ दिया और कहा कि उन्होंने नैतिक आधार पर यह कदम उठाया है।

राज्य की एक महिला जूनियर एथलेटिक्स कोच की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। सिंह पर महिला कोच को बंधक बनाने और धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है। अक्टूबर 2019 में अपने पहले चुनाव में पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी सिंह ने कुरुक्षेत्र के पिहोवा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,314 मतों के अंतर से हराया था।

खेल की दुनिया में ‘‘फ्लिकर सिंह’’ के नाम से मशहूर संदीप सिंह उन तीन खिलाड़ियों में शुमार थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था। सिंह के अलावा चुनाव मैदान में उतरीं पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पार्टी के सिख चेहरे सिंह को बाद में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

कुरुक्षेत्र के शाहबाद से आने वाले पूर्व हॉकी खिलाड़ी 2006 में ट्रेन में गोली लगने के बाद पक्षाघात से ग्रसित हो गये थे और वह दो साल तक व्हीलचेयर के सहारे रहें। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और बाद में राष्ट्रीय हॉकी टीम में जोरदार वापसी की। गोली लगने के घाव से उबरने और प्रशिक्षण के बाद सिंह ने 2008 के सुल्तान अजलान शाह कप में अपने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

बाद में उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2009 में सुल्तान अजलान शाह कप जीता था। वर्ष 2018 में, सिंह के जीवन पर आधारित ‘‘सूरमा’’ फिल्म बनी थी। यह एक ऐसे खिलाड़ी की प्रेरणादायक कहानी थी, जो एक दुर्घटना के बाद पक्षाघात से ग्रसित हो गया था, लेकिन उसने हार नहीं मानी और दमदार वापसी की।

संदीप सिंह ने विधायक के रूप में अपनी नयी पारी तीन साल पहले शुरू की थी। दिग्गज ड्रैग-फ्लिकर को हॉकी के मैदान में ‘फ्लिकर सिंह’ के नाम से संबोधित किया जाता था। संदीप सिंह के जीवन पर 2018 में ‘सूरमा’ नामक एक फिल्म भी बनी थी। यह फिल्म संदीप सिंह के जीवन से जुड़ी एक प्रेरणादायक कहानी पर आधारित थी। संदीप सिंह 2006 में एक ट्रेन में एक आकस्मिक घटना में गोली लगने के बाद लकवाग्रस्त हो गए थे, लेकिन उन्होंने मजबूती के साथ मैदान पर वापसी की थी।

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