भारत को एथलेटिक्स में पहली बार पदक, नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर भाला फेंककर जीता स्वर्ण, अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे खिलाड़ी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 7, 2021 17:55 IST2021-08-07T17:50:54+5:302021-08-07T17:55:39+5:30
Tokyo Olympics: मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1964 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे।

क्वालीफाईंग में उन्होंने स्वर्ण पदक के दावेदार और 2017 के विश्व चैंपियन जर्मनी के योहानेस वेटर को भी पीछे छोड़ा था।
Tokyo Olympics: भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को यहां टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। अभिनव बिंद्रा के बाद देश को दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया। इस तरह देश को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक मिला है।
नीरज चोपड़ा ने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर पहला स्थान हासिल किया। भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक का पिछले 100 साल का इंतजार खत्म करने के लिये सभी की निगाहें नीरज चोपड़ा पर टिकी थीं।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था। हरियाणा में पानीपत के करीब स्थित खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे नीरज पदक जीतकर इतिहास रचा। मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1964 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे।
Javelin thrower Neeraj Chopra wins the first #Gold medal for India at #Tokyo2020; throw 87.58 meters in first attempt pic.twitter.com/gsbwb5xIBy
— ANI (@ANI) August 7, 2021
चोपड़ा ने क्वालीफाईंग दौर के बाद कहा था, ‘‘यह मेरे पहले ओलंपिक खेल है और मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। अभ्यास के दौरान मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन क्वालीफाईंग में मेरा पहला थ्रो सही कोण से गया। यह शानदार थ्रो था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे थ्रो पर ध्यान देने की आवश्यकता है और अपना यही प्रदर्शन दोहराना होगा और इससे अधिक स्कोर बनाना होगा।’’
चोपड़ा ने इस साल 88.07 मीटर के प्रदर्शन के साथ ओलंपिक में पहुंचे हैं। क्वालीफाईंग में उन्होंने स्वर्ण पदक के दावेदार और 2017 के विश्व चैंपियन जर्मनी के योहानेस वेटर को भी पीछे छोड़ा था। अप्रैल और जून में 90 मीटर थ्रो करने वाले वेटर ने चोपड़ा के बाद दूसरे स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया था।
पदक के कुछ दावेदार क्वालीफाईंग में ही बाहर हो गये। इनमें पोलैंड के मार्सिन क्रूकोवस्की और 2012 के ओलंपिक चैंपियन और रियो 2016 के कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकॉट भी शामिल हैं। इस सत्र में सर्वश्रेष्ठ पांच प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में केवल चोपड़ा और वेटर ही फाइनल में पहुंचे हैं।