Tokyo Olympic: भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल, मुक्केबाजी के सेमीफाइनल में वर्ल्ड चैम्पियन से हारीं लवलीना बोरगोहेन
By विनीत कुमार | Updated: August 4, 2021 11:51 IST2021-08-04T11:20:42+5:302021-08-04T11:51:25+5:30
टोक्यो ओलंपिक के मुक्केबाजी के मुकाबले में भारत की लवलीना बोरगोहेन को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाल दिया है।

टोक्यो ओलंपिक: लवलीना बोरगोहेन ने जीता ब्रॉन्ज मेडल (फाइल फोटो)
टोक्यो: भारत की लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक के महिला मुक्केबाजी (69 किलोग्राम वर्ग) के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली ने मात दी। विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं।
इसी के साथ लवलीना का गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया है। हालांकि, हार के बावजूद वे भारत की झोली में एक ब्रॉन्ज मेडल जरूर दिला गई हैं। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है।
सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही उन्होंने ये पदक पक्का कर लिया था। इसी के साथ असम की 23 वर्षीय लवलीना टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतकर विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी हैं। लवलीना अगर सेमीफाइनल जीतने में कामयाब होतीं तो वे ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बन जातीं। लवलीना का ये पहला ही ओलंपिक है।
#TokyoOlympics: Indian boxer Lovlina Borgohain (in file photo) wins bronze medal, loses to Busenaz Sürmeneli of Turkey 0-5 in women's welterweight (64-69kg) semifinal match pic.twitter.com/toTXgIk6b1
— ANI (@ANI) August 4, 2021
लवलीना के ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ ही उन्हें बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। खेल मंत्री अमुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, 'लवलीना आपने अपना सर्वश्रेष्ठ पंच दिया। भारत को आपकी उपलब्धि पर गर्व है। आपने अपने पहले ही ओलंपिक में एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है। ये यात्रा अभी बस शुरू हुई है। आपने बहुत अच्छा किया लवलीना।'
ओलंपिक: भारत की झोली में आया तीसरा मेडल
टोक्यो ओलपिक के सफर में भारत की झोली में ये तीसरा मेडल है। इससे पहले भारत्तोलन में मीराबाई चानू ने भारत के लिए रजत पदक जीता था। चानू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता था। ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में 21 साल बाद ये पदक आया। वहीं बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं।