युवा कबड्डी सीरीज में दिखा छत्तीसगढ़ और नार्थ ईस्ट के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 4, 2023 04:53 PM2023-08-04T16:53:11+5:302023-08-04T16:53:57+5:30

छत्तीसगढ़ की टीम के कोच प्रदीप यादव ने अपने मार्गदर्शन से इस उपलब्धि को सार्थक किया। वहीं उनके भाई हेमंत यादव भी कबड्डी को अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य मानते आए है।

Sports talent of players from Chhattisgarh and North East shown in youth kabaddi series | युवा कबड्डी सीरीज में दिखा छत्तीसगढ़ और नार्थ ईस्ट के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा

युवा कबड्डी सीरीज में दिखा छत्तीसगढ़ और नार्थ ईस्ट के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा

Highlightsहेमंत यादव ने अपनी बिलासपुर स्थित अकेडमी वीर शिवाजी दल के जरिए बच्चों को कबड्डी में प्रशिक्षण दे कर आजीविका कमाने योग्य बनाया।खेल के जरिए छत्तीसगढ़ से 12 बच्चें रेलवे डिपार्टमेंट, 4 फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और 15-20 स्टूडेंट्स छत्तीसगढ़ पुलिस में नियुक्त किए जा चुके है।टीम में शामिल दुर्गेश कुमार ने 'बेस्ट रेडर ऑफ़ द टूर्नामेंट' के खिताब के साथ 50 हज़ार की राशि अपने नाम की।

छत्तीसगढ़: युवाओं को रोजगार और खेल के प्रति जागरूक कर रहा 'युवा कबड्डी सीरीज' देश के कई प्रतिभाओं को उभरने में मदद कर रहा है। जहां हाल ही में कर्नाटक में संपन्न हुए युवा कबड्डी सीरीज के समर एडिशन 2023 में देशभर से आए युवा कबड्डी प्लेयर्स ने अपना जोश का प्रदर्शन किया। इस नेशनल कबड्डी स्टेज के पांचवें अध्याय का खास आकर्षण छत्तीसगढ़ की टीम 'चम्बल चैलेंजर्स' का जज़्बा रोमांचक रहा।

इस दौरान छत्तीसगढ़ की टीम ने अपने प्रभावशाली मुकाबले के साथ स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल किया। इस शानदार उपलब्धि का जश्न मनाते हुए छत्तीसगढ़ के गांववालों ने मिल कर पेंड्रा टॉकीज़ में मैच के लाइव प्रसारण का बड़े परदे पर आनंद लिया।

सीरीज से जुड़ी जानकारी देने के लिए युवा कबड्डी सीरीज (वायकेएस) के सीईओ विकास गौतम ने बताया कि सीरीज में छत्तीसगढ़ और नार्थ ईस्ट के खिलाड़ियों की उल्लेखनीय प्रतिभा और समर्पण देख कर मुझे काफी गर्व हुआ। ऐसा पहली बार था जब नोर्थ ईस्ट की टीम 'काज़ीरंगा राइनोज' जिसमें असम, मणिपुर, त्रिपुरा के प्लेयर्स ने भी अपने खेल भावना का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

इन क्षेत्रों के खिलाड़ियों के पास ना ही अधिक अवसर है और ना ही अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं है। इसके तहत हम सिर्फ़ एक साल में देश के 16 राज्यों के प्लेयर्स को ये राष्ट्रीय मंच प्रदान कर चुके है। वायकेएस के दृष्टिकोण के तहत हम अगली सभी सीरीज के जरिए देश के अन्य राज्यों के कबड्डी प्लेयर्स को आगे लाकर ये मंच प्रदान करना चाहते है।

साथ ही उन सभी युवाओं को प्रोफेशनल मंच प्रदान करने की कोशिश कर रहे है, जिन्हें असुविधाओं के चलते खेल को करियर बनाने में संघर्ष करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ की टीम के कोच प्रदीप यादव ने अपने मार्गदर्शन से इस उपलब्धि को सार्थक किया। वहीं उनके भाई हेमंत यादव भी कबड्डी को अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य मानते आए है।

हेमंत यादव ने अपनी बिलासपुर स्थित अकेडमी वीर शिवाजी दल के जरिए बच्चों को कबड्डी में प्रशिक्षण दे कर आजीविका कमाने योग्य बनाया। ऐसे में खेल के जरिए छत्तीसगढ़ से 12 बच्चें रेलवे डिपार्टमेंट, 4 फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और 15-20 स्टूडेंट्स छत्तीसगढ़ पुलिस में नियुक्त किए जा चुके है। टीम में शामिल दुर्गेश कुमार ने 'बेस्ट रेडर ऑफ़ द टूर्नामेंट' के खिताब के साथ 50 हज़ार की राशि अपने नाम की।

11 साल की उम्र में पिता को देख कबड्डी खेलना शुरू करने वाले दुर्गेश ने हेमंत यादव के अधीन ट्रेनिंग ले कर नेशनल्स, यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया गेम्स में भी खेला। जिसके बाद उनका चयन प्रो कबड्डी के सीजन 9 की टीम यूपी योद्धाज में हुआ।

इसी टीम के संस्कार मिश्रा भी शीर्ष रेडर की गिनती में तीसरे स्थान पर रहे। इन्हीं के साथ 22 से ज्यादा नेशनल गेम्स खेल चुके बिलासपुर - मस्तूरी के रहने वाले दुर्गेश साहू भी सीरीज के बेहतरीन डिफेंडर रहे।

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