बाली, एक दिसंबर भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू और किदाम्बी श्रीकांत ने अपने अपने मैच सीधे गेम में जीतकर बुधवार को यहां सत्र के आखिरी बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में शानदार शुरुआत की ।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने डेनमार्क की लाइन क्रिस्टोफरसेन को 21 . 14, 21 . 16 से हराया । इससे पहले श्रीकांत ने फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव को ग्रुप बी के मुकाबले में 42 मिनट के भीतर 21 . 14, 21 . 16 से पराजित किया। श्रीकांत अगले दौर में थाईलैंड के तीन बार के जूनियर विश्व चैंपियन कुनलावुत वितिदसार्न से भिड़ेंगे।
यह टूर्नामेंट जीतने वाली एकमात्र भारतीय सिंधू का सामना अब जर्मनी की वोन्ने लि से होगा । सिंधू ने 2018 में यह खिताब जीता था ।
युवा लक्ष्य सेन ने भी ग्रुप ए में अपना पहला मैच जीता जब दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी जापान के केंतो मोमोता पहले गेम में 1 . 1 के स्कोर पर चोटिल होने के कारण मुकाबले से हट गए।
महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी को हालांकि जापान की दूसरी वरीयता प्राप्त नामी मत्सुयामा और चिहारू शिडा की जोड़ी ने 21 . 14, 21 . 18 से मात दी ।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी को भी हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी को ग्रुप ए के अपने पहले मुकाबले में डेनमार्क के किम एस्ट्रूप और एंडर्स रासमुसेन ने आसानी से 21-16, 21-5 से शिकस्त दी।
पुरूष एकल में दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत ने शानदार खेल दिखाते हुए दुनिया के 33वें नंबर के खिलाड़ी को हराया ।
पहला गेम शुरूआत में करीबी रहा लेकिन ब्रेक तक श्रीकांत ने 11 . 9 की बढत बना ली । इसके बाद लगातार पांच अंक लेकर स्कोर 16 . 10 किया और जल्दी यह यह गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में वह 1 . 4 से पिछड़ रहे थे लेकिन जल्दी वापसी करते हुए ब्रेक तक दो अंक की बढत बना ली । यह बढत जल्दी ही 14 . 9 की हो गई लेकिन फिर अंतर 19 . 14 का रह गया । टोमा के लांग शॉट से श्रीकांत को चार मैच अंक मिले और बेहतरीन नेट प्ले से उन्होंने मुकाबला जीत लिया ।
सिंधू ने शुरू में ही 5 . 2 की बढत बना ली लेकिन यह अंतर जल्दी ही घटकर 7 . 6 का हो गया । सिंधू ने इसके बाद लगातार दस अंक लेकर पहला गेम जीता ।
दूसरे गेम में लाइन ने बेहतर प्रदर्शन करके 4 . 2 की बढत बनाई । सिंधू ने ब्रेक के समय 11 . 10 की बढत ले ली थी । ब्रेक के बाद उसने बढत 17 . 13 की कर ली और फिर लाइन को कोई मौका नहीं दिया।
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