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स्टार वेटलिफ्टर संजीता चानू पर लगे डोपिंग आरोप खारिज, खिलाड़ी ने मांगा मुआवजा

By भाषा | Updated: June 10, 2020 13:09 IST

Sanjita Chanu: स्टार वेटलिफ्टर संजीता चानू पर लगे डोपिंग के आरोपों को आईडब्ल्यूएफ ने खारिज कर दिया है, जिस पर इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजे की मांग की है

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ठळक मुद्देस्टार वेटलिफ्टर संजीता चानू ने डोप टेस्ट के आरोप खारिज होने की बात की माफी और मुआवजे की मांग चानू ने कहा, 'क्या आईडब्ल्यूएफ खिलाड़ी के करियर की परवाह नहीं करता?'

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने भारतीय भारोत्तोलक के संजीता चानू के खिलाफ लगाये गये डोपिंग के आरोपों को उनके नमूनों में एकरूपता नहीं पाये जाने के कारण खारिज कर दिया जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की। आईडब्ल्यूएफ ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया।

यह 26 वर्षीय भारोत्तोलक शुरू से ही खुद को निर्दोष बता रही थी। उन्हें आईडब्ल्यूएफ के कानूनी सलाहकार लिला सागी के हस्ताक्षर वाले ई मेल के जरिये अंतिम फैसले से अवगत करा दिया गया है। ईमेल में कहा गया है, ‘‘ वाडा ने सिफारिश की है कि नमूने के आधार पर खिलाड़ी के खिलाफ मामला समाप्त किया जाना चाहिए।’’

इसमें कहा गया है कि आईडब्ल्यूएफ ने वाडा को 28 मई को बताया था कि चानू के नमूनों के विश्लेषण के समय उनमें एकरूपता नहीं पायी गयी। आईडब्ल्यूएफ के अनुसार, ‘‘इसके बाद आईडब्ल्यूएफ ने खिलाड़ी के खिलाफ आरोप खारिज करने और यह मामला खत्म करने का फैसला किया।’’

क्या मेरे ओलंपिक के अवसरों को खत्म करना आईडब्ल्यूएफ का इरादा था: संजीता चानू

चानू ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि आखिर में मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। लेकिन इस बीच मैंने जो मौके गंवाये उनका क्या होगा। मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर स्तर पर की गयी गलतियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। आप एक खिलाड़ी को अंतिम फैसला आये बिना वर्षों तक निलंबित कर देते हो और एक दिन आप मेल भेजकर कहते हो कि आपको आरोपों से मुक्त किया जाता है।’’

चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने अपने कड़े रवैये से उनसे तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वॉलिफाई करने का मौका छीन दिया और उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिये उसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह किसी तरह का मजाक है। क्या आईडब्ल्यूएफ खिलाड़ी के करियर की परवाह नहीं करता। क्या मेरे ओलंपिक के अवसरों को खत्म करना आईडब्ल्यूएफ का इरादा था। हर खिलाड़ी का सपना ओलंपिक खेलों में पदक जीतना होता है। वह कम से कम उनमें भाग तो लेना ही चाहता है। मेरा यह मौका आईडब्ल्यूएफ ने मुझसे छीन दिया।’’

चानू ने कहा, ‘‘आईडब्ल्यूएफ को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। आईडब्ल्यूएफ को माफी मांगनी होगी और उसे स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसके लिये जिम्मेदार निकाय या संगठन या व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए। मैं आईडब्ल्यूएफ से मुआवजे की मांग के लिये अपील करूंगी।’’ 

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