पृथ्वी शॉ ने बैन के लिए पापा और खुद को बताया जिम्मेदार, कहा- सोचता था लोग क्या कहेंगे 

पृथ्वी शॉ पर 2019 में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने का आरोप लगा था। जिसके बाद बीसीसीआइ ने उन पर आठ महीने का बैन लगा दिया था। अब पृथ्वी शॉ ने बताया है कि उस वक्त प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन उन्होंने क्यों किया था।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 23, 2021 09:06 PM2021-05-23T21:06:03+5:302021-05-23T21:06:03+5:30

Prithvi Shaw recalls doping violation ban says me and my father responsible | पृथ्वी शॉ ने बैन के लिए पापा और खुद को बताया जिम्मेदार, कहा- सोचता था लोग क्या कहेंगे 

पृथ्वी ने कहा कि मेरे लिए वह कठिन दौर था, जिसे शब्दों में नहीं बता सकता। (फाइल फोटो)

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Highlightsदो दिन कफ सिरप पी थी और तीसरे दिन डोपिंग टेस्ट पॉजिटिव आया- पृथ्वी शॉकहा- बैन लगने के बाद ज्यादातर अपने कमरे में ही रहता था

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ पर 2019 में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने का आरोप लगा था। जिसके बाद बीसीसीआइ ने उन पर आठ महीने का बैन लगा दिया था। उन्हें काफी समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। अब पृथ्वी शॉ ने बताया है कि उस वक्त प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन क्यों किया था। उन्होंने इसके लिए अपने पिता और खुद को जिम्मेदार बताया है। बैन हटने के बाद शॉ ने शानदार प्रदर्शन किया है। 

क्रिकबज से बातचीत में पृथ्वी शॉ ने प्रतिबंधित सेवन के वाकये का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे का इंतजार कर ही रहा था कि मेरे टखने में चोट लग गई। टीम प्रबंधन ने तीसरे टेस्ट के लिए तैयार करने की कोशिश की, लेकिन मेरा ठीक होना रुक गया। उस वक्त बहुत तेज दर्द होता था और इसके चलते मैं काफी दुखी था। 

पृथ्वी ने बताया कि मैं इंदौर में सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहा था और उसी वक्त मुझे सर्दी-खांसी हो गई। मैंने इस बारे में अपने पापा से बात की तो उन्होंने मुझे बाजार से कफ सिरप लेने के लिए कहा। मैंने फीजियो की सलाह के बिना ही उस दवा का सेवन किया। मैंने दो दिनों तक कफ सिरप ली और तीसरे दिन जब मेरा डोप परीक्षण हुआ तो उसमें प्रतिबंधित पदार्थ मेरे शरीर में पाया गया। । 

पृथ्वी ने कहा कि मेरे लिए वह कठिन दौर था। उसे शब्दों में नहीं बता सकता। उन्होंने कहा कि मैं अपनी छवि को लेकर बेहद चिंतित था। मैं अपने बारे में हर जगह पढ़ रहा था और सोच रहा था कि लोग क्या सोचेंगे? जिसके बाद मैं सबसे दूर लंदन चला गया और ज्यादातर अपने कमरे में ही रहता था। 

गौरतलब है कि 21 साल के इस युवा खिलाड़ी ने बैन से वापस आने के बाद घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। आइपीएल में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। आइपीएल के आठ मैचों में उन्होंने 308 रन बनाए। साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी में भी उनका जबरदस्त प्रदर्शन रहा। वे पहले बल्लेबाज हैं, जिसने टूर्नामेंट के किसी एक सीजन में 800 रन बनाए हैं। 

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